हनुमानगढ़ जिले के संगरिया अनुमंडल के ग्राम भाखरांवाली में 16 अगस्त मंगलवार की रात को किसी ने बुजुर्ग संत चेतनदास (75) की हत्या कर दी। 17 अगस्त बुधवार सुबह साधु का शव झोपड़ी में खून से लथपथ हालत में मिला। उसके नाक और मुंह से खून निकल रहा था। ऐसे में किसी नुकीली चीज से प्रहार कर हत्या की आशंका है। इसकी खबर गांव में फैलते ही झोपड़ी के सामने ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। हनुमानगढ़ जिले की इस घटना के अलावा राजस्थान में साधुओं की मौत के दो मामले पहले सामने आ चुके है।
थाना प्रभारी हनुमाना राम के अनुसार पंजाब निवासी साधु चेतनदास (75) करीब 25 साल से भाखरांवाली गांव में झोपड़ी बनाकर रह रहा था। गांव के भक्त साधु को खाना-पीना देने के लिए झोपड़ी में जाया करते थे।
सूचना पर डीएसपी व सीआई पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। हनुमानगढ़ एसपी से बात करने के बाद फोरेंसिक टीम को बुलाया गया है, जिसके बाद मौके का मुआयना किया गया। घटना का पता लगते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण की भीड़ मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने साधु चेतनदास के शव को संगरिया अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। अभी तक हत्या की कोई वजह सामने नहीं आई है और न ही कोई आरोपी पकड़ा गया है।
एक महीने के अंतराल में राजस्थान में तीसरे साधु की मौत हो गई है। करीब 15 दिन पहले भरतपुर के एक मंदिर के बाहर एक साधु का शव लटका मिला था। वह साधु भी 20 साल से मंदिर में रह रहा था और नेत्रहीन होने के कारण आसपास के लोग ही संत के लिए भोजन की व्यवस्था करते थे और कुछ पैसे भी देते थे।
वहीं, करीब 12 दिन पहले जालोर के रानीवाड़ा में एक साधु ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण जमीन का विवाद बताया जा रहा है। इस मामले में स्थानीय लोगों ने भाजपा विधायक पूरम चौधरी पर कई आरोप लगाए थे।