मौहल्ले की गलियों से शुरू प्रेम कहानी लंदन में खत्म, सुसाइड नोट फॉरवर्ड करने के 3 मिनट बाद की आत्महत्या

मौहल्ले की गलियों से शुरू प्रेम कहानी लंदन में खत्म, सुसाइड नोट फॉरवर्ड करने के 3 मिनट बाद की आत्महत्या

प्रेमिका से पत्नी बनी एक महिला के प्रेम में मिले धोखे के कारण राजस्थान के जयपुर के मालवीय नगर सेक्टर-2 के रहने वाले सुमित ने सुसाइड कर लिया, लेकिन मरते हुए भी उसने अपनी पत्नी के प्रति प्रेम को खत्म नहीं होने दिया। जाते-जाते भी सुमित ने अपनी पत्नी पर किसी भी तरह का आरोप नहीं लगाने की बात कही...

एक प्रेम कहानी जयपुर की गलियों से शुरु होकर लंदन में खत्म हो गई और राजकुमार ने डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया। राजकुमार को यह कदम उठाना पड़ा क्योंकि वो एक लड़की जिससे उसे 8वी कक्षा से प्रेम था।

साल 2007 में उससे शादी की और बाद में 2008 में लंदन चला गया, लेकिन उसने कभी सोचा नहीं था कि उसकी प्रेमिका जिसने उससे एक साथ जीने मरने की कसम खाई है।

वहीं उसकी मौत का कारण बन जाएगी। इस तरह जयपुर की गलियों से शुरू हुई एक प्रेम कहानी का अंत लंदन में हुआ और सुमित ने लंदन स्थित एक अपार्टमेंट की छठी मंजिल की बालकनी से कूदकर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड नोट फॉरवर्ड करने के 3 मिनट बाद की आत्महत्या

व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट फॉरवर्ड करने के 3 मिनट बाद उसने बालकनी से कूदकर आत्महत्या कर ली। सुमित का अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर गिर गया।

पड़ोसी जब बाहर आए तो सुमित खून से लथपथ फर्श पर पड़ा था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भिजवाया।

सुसाइड नोट में उसने आत्महत्या का कारण पत्नी का अफेयर बताया है। सुमित की लव मैरिज 15 साल पहले हुई थी, लेकिन उसकी लव स्टोरी 25 साल पुरानी थी।

25 साल पूराना प्यार था सुमित का

चचेरे भाई यश वाधबनी ने बताया कि सुमित 13 साल का था और 8वीं कक्षा में था। सुमित और वह लड़की एक ही स्कूल में एक ही कक्षा में थे। सुमित के परिवार में माता, पिता और बहन हैं।

पिता राजकुमार आहूजा व्यवसायी है और माता मीना डॉक्टर थीं। घरवालों ने क्लासमेट से अफेयर के बारे में बताया तो सुमित उनके खिलाफ खड़ा हो गया। कहा करता था- मैं उसके बिना मर जाऊंगा।

यश ने बताया कि सुमित ने करोड़ों रुपये कमाए, लेकिन खुश नहीं थे। सुमित की पत्नी का रचित नाम के लड़के से अफेयर था।

रचित के ब्रिटेन में रहने को लेकर दोनों के बीच कई झगड़े हुए। पत्नी ने सुमित को दूर कर दिया था, इसलिए उसने अपनी परेशानी किसी से साझा नहीं की। वह अंदर ही अंदर पल-पल घूटता रहा।

2 साल से चल रही थी तलाक की बात

2 साल पहले उसकी पत्नी ने तलाक की फाइल लगाई थी। अपने प्यार को बचाने के लिए उसने कई बार अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। अपने बचपन के प्यार को इस तरह खुद से दूर होते देख सुमित डिप्रेशन में चला गया।

जानकारी के अनुसार सुमित ने आत्महत्या से 3 मिनट पहले अपनी बहन हर्षिता (35) को व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा था। शादी के बाद हर्षिता ब्रिटेन के मैनचेस्टर शिफ्ट हो गईं। भाई का सुसाइड नोट मिलते ही हर्षिता के होश उड़ गए।

उसने यह सुसाइड नोट जयपुर में अपने परिजनों को भेजकर सुमित की मौत के बारे में बताया।

'मैं तुम्हें किसी और के साथ नहीं देख सकता'

'यह शाम बहुत अच्छी थी। मैं आपको यह साबित करने के लिए यह कदम उठा रहा हूं कि मैं हमेशा से इस रिश्ते के प्रति बहुत वफादार रहा हूं।

मैंने आज रात तुमसे कई बार पूछा, लेकिन तुमने हमेशा की तरह फिर झूठ बोला। मैं तुम्हें किसी और के साथ नहीं देख सकता। वह रचित (कथित प्रेमी) भरोसेमंद नहीं है और सिर्फ फायदा उठा रहा है। मैंने आपको इस बारे में पहले भी बताया था।

सुमित के साथ उसकी पत्नी ने इतना गलत किया, लेकिन इस दूनिया से जाते-जाते भी भी सुमित ने अपने प्यार को कभी खत्म नहीम होने दिया। उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा "माँ और पिताजी, मेरे प्यार (पत्नी) या किसी के बारे में कभी भी बुरा मत बोलना।"

'किसी से इतना प्यार मत करो'

'अपने पीछे और मुझे जानने वालों के लिए अपने पीछे एक संदेश छोड़ कर जा रहा हूं कि मैंने अपने हर रिश्ते को हमेशा बहुत प्यार और सम्मान दिया है।

मैंने हर रिश्ते में बिना शर्त और बिना किसी स्वार्थ के और बिना किसी प्रतिस्पर्धा के अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। 'कृपया मेरे माता-पिता का जितना हो सके ख्याल रखें, हो सके तो अपनी हद से आगे जाकर भी मदद करें। कृपया कभी भी किसी से इतना गहरा प्यार न करें, यह बेकार है।

'मुझे मनोरोगी मत घोषित करो'

'मैं बहुत विनम्रता से अनुरोध करता हूं कि यह कदम उठाने के लिए मुझे पागल घोषित न करें, मैं अपनी सादगी और शांत होने के कारण असफल रहा हूं।'

'मैं अपने माता-पिता के साथ बड़ा नहीं हुआ, इसलिए मेरी परवरिश के लिए उन्हें दोष न दें। मैं अपनी गलतियों, कमियों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हूं, इसलिए मैंने जाने-अनजाने में किसी भी गलती के लिए माफी मांगी है।

'मेरी संपत्ति मेरे माता-पिता को मिलनी चाहिए, जो भी नॉमिनी है'

'मेरी पूरी (100 फीसदी) संपत्ति मेरे माता-पिता को बिना किसी समस्या के दी जानी चाहिए, क्योंकि वे लड़ने की स्थिति में नहीं हैं, चाहे मेरी निजी संपत्ति का नामांकित व्यक्ति कोई भी हो

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