विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार थम चुका है। इसी के साथ ही नेता घर-घर जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। 25 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली है।
पोलिंग पार्टियों को गुरूवार से ही रवाना किया जा रहा है। इस बीच चुनाव प्रचार में चले सारे मुद्दे शांत हो गए है।
चुनाव में ऐसे ही कुछ मुद्दे काफी ज्यादा हाइलाइट रहें, जिनका इस चुनाव में कोई सरोकार नहीं रहा और वे गूंजते रहे।
मुद्दों की बजाय दूसरी पार्टियों पर बयान ही प्रचार का मुख्य आधार रहें। कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व पर फोकस किया।
तो भाजपा कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगाती रही। मुस्लिमों के वोटों का गणित भले ही लगाया जाता रहा, लेकिन वे चुनाव प्रचार के केंद्र में नहीं रहे।
पनौती: राहुल गांधी ने मोदी के लिए कहा कि वर्ल्ड कप जीतते, पनौती ने हरवा दिया।
लाल डायरी: पीएम मोदी कहते रहे कि लाल डायरी में कांग्रेस की लूट दर्ज है।
बुल्डोजर चलता: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- जोधपुर में तलवारें लहरा रहे थे। यूपी होता तो मेरा बुल्डोजर इन्हें रौंद देता।
तीन जेब कतरे: राहुल गांधी ने कहा था, जेबकतरा अकेला नहीं आता, तीन को साथ लेकर आता है।
सांड: अमित शाह ने कहा कि लाल कपड़े से गहलोत सांड की तरह भड़कते हैं।
ईआरसीपी : कांग्रेस ने ईस्टर्न कैनाल पर यात्रा बीच में ही छोड़ दी।
महंगाई: भाजपा ने पेट्रोल, डीजल की कीमतों को छोड़ इस पर बात नहीं की। कांग्रेस ने भी इसे ताकत से मुद्दा नहीं बनाया। नेताओं ने इस पर तवज्जो ही नहीं दी।
सड़क: खुद विधायकों के गांवों में सड़कें नहीं, लेकिन भाजपा ने ध्यान नहीं दिया। गडकरी अवश्य अपनी भावी योजनाएं बता गए।
पानी : जलापूर्ति की जगह जल जीवन मिशन में घोटाला ही छाया रहा।
बिजली: फ्रीबीज में जिक्र, पर घरेलू या कृषि में कटौती पर बात नहीं उठी।
फ्रीबीज: दोनों दलों से सस्ते सिलेंडर, डीबीटी का वादा।
पेट्रोल-डीजल: भाजपा ने कहा- ज्यादा वैट, कांग्रेस ने कहा- ज्यादा केंद्रीय टैक्स।
हिंदुत्व: कांग्रेस ने ध्रुवीकरण, भाजपा ने मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया। }इनके अलवा कानून व्यवस्था, पेपरलीक, ईडी भी बड़े मुद्दे रहे।
बता दें कि कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व इस चुनाव में दिखा और बड़े-बड़े नेता मंदिरों में दिखाई दिए। इसी के साथ ही कांग्रेस ने राम -राम से भाषण की शुरूआत करना जरूरी समझा, तो वहीं कांग्रेस का पूरा ध्यान प्रचार पर ही केंद्रित रहा।