1242 ई. की रियासत बूंदी राजघराने के मुखिया बने वंशवर्धन: जानिए क्यों 12 साल बाद सजा तारागढ़ फोर्ट में राजसी दरबार, अलवर के पूर्व महाराजा ने धारण कराई पगड़ी

हाड़ा वंश की सबसे पुरानी रियासत (Bundi Royal Family News) बूंदी के 26वें महाराव राजा के तौर पर वंशवर्धन सिंह ने शनिवार को देशभर के कई प्रतिष्ठित राजपरिवारों की मौजूदगी में पाग धारण की। उन्हें बूंदी रियासत के भाणेज और अलवर के पूर्व महाराजा पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्रसिंह ने पाग धारण करवाई।
1242 ई. की रियासत बूंदी राजघराने के मुखिया बने वंशवर्धन: जानिए क्यों 12 साल बाद सजा तारागढ़ फोर्ट में राजसी दरबार, अलवर के पूर्व महाराजा ने धारण कराई पगड़ी

बूंदी शाही परिवार (Bundi Royal Family News) के नए मुखिया वंशवर्धन सिंह को पगड़ी पहनाने की रस्म शनिवार को बूंदी में नवल सागर झील के किनारे मोती महल में संपन्न हुई। कपरीन ठिकाने के कुंवर वंशवर्धन सिंह की पगड़ी (पग) बंधी थी। बूंदी राजपरिवार की सनातन राज परंपरा के अनुसार तिलक दस्तूर सहित राज्याभिषेक की हर रस्म अदा की गई। इसके बाद वंशवर्धन बूंदी के मनमोहक रंगनाथ मंदिर पहुंचे। फिर घोड़े पर सवार होकर तारागढ़ किला पहुंचा। यहां 12 साल बाद फिर से कोर्ट लगा। वंशवर्धन सिंहासन पर विराजमान हुए और श्रद्धांजलि अर्पित करने की परंपरा निभाई गई।

सुबह माताजी का चौकी मोती महल में स्नान-अभिषेक के बाद वंशवर्धन सिंह ने आशापुरा माता मंदिर, रंगनाथजी मंदिर और मोती महल में सतियों की पूजा अर्चना की। सुबह दस बजे से गणमान्य लोग और आमंत्रित राजपरिवार, ठिकानेदार और पारीवारिक सदस्यों के साथ विशिष्टजनों का आगमन शुरू हुआ।
देखते ही देखते मोती महल प्रांगण श्वेत वस्त्र और केसरिया साफे वाले लोगों से भर गया। ढोल नगाड़ों की धुन के बीच वंशवर्धनसिंह मोती महल गार्डन में आए। इसके बाद रंगनाथजी मंदिर से स्वर्गीय महाराव राजा की पाग लाई गई। राजपुरोहित रमेश शर्मा, राजव्यास साक्षी गोपाल और राज आचार्य दयानंद दाधीच द्वारा करवाई जा रही पारम्परिक क्रियाविधि और मंत्रोच्चार के बीच अलवर रियासत के भंवर जितेन्द्रसिंह ने बूंदी रियासत के 26वें महाराजा वंशवर्धन सिंह को पाग धारण करवाई। इसके बाद राजपुरोहित रमेश शर्मा ने राजतिलक किया।
बूंदी के 26वें महाराव राजा बने वंशवर्धन
हाड़ा वंश की सबसे पुरानी रियासत (Bundi Royal Family News) बूंदी के 26वें महाराव राजा के तौर पर वंशवर्धन सिंह ने शनिवार को देशभर के कई प्रतिष्ठित राजपरिवारों की मौजूदगी में पाग धारण की। उन्हें बूंदी रियासत के भाणेज और अलवर के पूर्व महाराजा पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्रसिंह ने पाग धारण करवाई। राजसी परम्पराओं और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वंशवर्धन सिंह का राजतिलक किया गया। इसके साथ ही 12 वर्ष से खाली बूंदी पूर्व राज परिवार के मुखिया तौर पर अब वंशवर्धनसिंह पहचाने जाएंगे।
जुलूस में शामिल हुए पूर्व रियासत के सदस्य
पारंपरिक समारोह के बाद शाम चार बजे से जुलूस निकाला गया। इसमें बड़ी संख्या में बूंदी के लोग पहुंचे। इस दौरान अलवर रियासत के भंवर जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। इसके साथ ही कई पूर्व रियासतों और पूर्व ठिकानों के सदस्य कार्यक्रम में पहुंचे।
780 साल पहले 1242 में हुई थी महाराव देव हाड़ा ने की थी स्थापना
मेवाड़ के उदयपुर शाही परिवार के बाद बूंदी रियासत (Bundi Royal Family News) को राजपुताना की सबसे पुरानी रियासत माना जाता है। इसकी स्थापना महाराव देव हाड़ा ने 780 साल पहले 1242 में की थी। बूंदी वंश में कई राजसी शासक हुए हैं। बूंदी चौहान वंश के हाडा वंश की पहली रियासत है।
कापरेन ठिकाने से ताल्लुक रखते हैं वंशवर्धन, (Bundi Royal Family News) कनाडा और इंग्लैंड में पूरी की हायर एजुकेशन
वंशवर्धन सिंह (Bundi Royal Family News) का जन्म 8 जनवरी 1987 को कापरेन ठिकाने के बलभद्र सिंह हाड़ा के घर हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डेली कॉलेज इंदौर से की। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के लीसेस्टर की डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की। और कनाडा से बिजनेस मैनेजमेंट में डिग्री हासिल की। एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में दो साल तक काम किया। वंशवर्धन सिंह 2013 में बूंदी लौटे।
वंशवर्धन (Bundi Royal Family News) को परंपरा के अनुसार महाराजा रणजीत सिंह का उत्तराधिकारी बनाया गया है। वंशवर्धन ने 2016 में ठाकुर दीप सिंह धनानी की बेटी मयूरक्षी कुमारी से शादी की। वंशवर्धन सिंह और मयूरक्षी का दो साल का बेटा वज्रनाभ है।
अलवर राज्य से भंवर जितेंद्र सिंह, कोटा राज्य से कुमार, बीकानेर से रवि राज सिंह, सिरोही से पद्मश्री रघुवीर सिंह, पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर (बदनौर ठिकानेदार), किल्चीपुर राज्य के प्रियव्रत सिंह, राघव गढ़ से कुमार जयवर्धन सिंह, कच्छ से प्रताप सिंह, झालावाड़ के राणा चंद्र सिंह सहित कई पूर्व रियासतों के प्रमुख और सदस्य राजतिलक में मौजूद रहे।
1242 ई. की रियासत बूंदी राजघराने के मुखिया बने वंशवर्धन: जानिए क्यों 12 साल बाद सजा तारागढ़ फोर्ट में राजसी दरबार, अलवर के पूर्व महाराजा ने धारण कराई पगड़ी
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