भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने बायोफ्यूल अथॉरिटी (Biofuel Authority) के प्रोजेक्ट डायरेक्ट सुरेंद्र सिंह राठौड़ (Surendra Singh Rathore) को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया है। (Biofuel Authority Director Caught) मामला तब खुला जब संविदाकर्मी Devi Sharma ने निदेशक के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत ली। यह कार्रवाई जयपुर के योजना भवन में गुरुवार देर शाम की गई।
ACB को वैशाली नगर क्वींस रोड गांधी पार्क में एक प्लॉट, कालवाड रोड में एक प्लॉट, लग्जरी गाड़ी भी मिली है। इसमें जगुआर, फॉर्चूनर, बलेनो, थार जैसी लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं। वैशाली नगर के कुबेर कॉम्प्लेक्स में शॉप के कागजात भी मिले हैं। बेटा, बहू, पत्नी के नाम से अकूत दौलत मिली है। अरबों की सम्पत्ति के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
कार्रवाई के बाद निदेशक की धौंस तो देखिए... सीनाजोरी करने लगा... और ACB अधिकारियों से बोला कि... मैं एक हजार करोड़ का आदमी हूं। तुम मेरा क्या बिगाड़ लोगे...?
एसीबी की टीम ने डायरेक्टर सुरेंद्र राठौड़ (Surendra Singh Rathore) के फ्लैट की भी तलाशी ली। घर से इतनी नकदी मिली कि नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ गई। रात करीब 11.30 बजे तक 10 मशीनों से 4 करोड़ नकद गिने गए। इस दौरान संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं।
जानकारी के अनुसार सहकार मार्ग स्थित फ्लैट से 50 से अधिक महंगी शराब की बोतलें मिली हैं, जिन्हें आबकारी अधिनियम के तहत ज्योति नगर पुलिस ने जब्त कर लिया है। आरोपी के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया जा रहा है। एसीबी के एएसपी नरोत्तम वर्मा ने बताया कि बॉयो फ्यूल अथॉरिटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेंद्र सिंह राठौड़ (CEO and project director of Biofuel Authority Surendra Singh Rathore) बॉयो फ्यूल के कारोबार को सुचारू रूप से चलाने और लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए 20 लाख रुपए की मासिक बंदी के रूप में शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग कर रहे थे।
सचिवालय राजस्थान के पीछे स्थित बायो फ्यूल ईकाई के अफसर के खिलाफ ये ट्रैप किया गया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेन्द्र सिंह राठौड़ और उसका सहयोगी देवेश को पकड़ा गया है। देवी शर्मा की भूमिका ज्यादा सामने नहीं आई है, लेकिन अफसर का पूरा खेल सामने आ गया।
इसमें बायोफ्यूल के कारोबार को लगातार चलने देने पर रोक और 15 लाख रुपये के 5 लाख लाइसेंसों का नवीनीकरण शामिल है। शिकायतकर्ता को लगातार रिश्वत न देने पर प्रताड़ित किया जा रहा था। इससे नाराज शिकायतकर्ता ने एसीबी मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद एसीबी की टीम ने मामले की जांच कराई। जांच के दौरान मामला सही पाया गया।
परियोजना निदेशक सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने शिकायतकर्ता को 20 लाख रुपये में से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेकर अपने कार्यालय बुलाया। राठौड़ ने 5 लाख की यह रिश्वत राशि अपनी संविदाकर्मी देवी शर्मा (Devi Sharma) के माध्यम से ली थी।