Jammu Temple Attacked: जम्मू के वासुकी नाग मंदिर पर हमला और तोड़फोड़, घटना पर श्रद्धालुओं में आक्रोश

Jammu Temple Attacked: जम्मू के वासुकी नाग मंदिर पर हमला और तोड़फोड़, घटना पर श्रद्धालुओं में आक्रोश

घटना सामने आने के बाद हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए। जमकर नारेबाजी की और मंदिर को निशाना बनाने वालों पर कार्रवाई की मांग की। वासुकी नाग मंदिर भदरवाह को भद्रकाशी के नाम से भी जाना जाता है। तोड़फोड़ रविवार देर रात या सोमवार तड़के की गई है।
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Jammu Temple Attacked: जम्मू-कश्मीर के Bhaderwah स्थित डोडा जिले में उस समय हड़कंप मच गया जब प्राचीन वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़ की गई। (Vasuki Nag Temple sabotage) घटना सामने आने के बाद हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए। जमकर नारेबाजी की और मंदिर को निशाना बनाने वालों पर कार्रवाई की मांग की। वासुकी नाग मंदिर भदरवाह को भद्रकाशी के नाम से भी जाना जाता है। तोड़फोड़ रविवार देर रात या सोमवार तड़के की गई है।
Vasuki Nag Temple
Vasuki Nag Temple Photo | Twitter

जम्मू में पिछले कई दिनों से हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। उसी कड़ी में अब वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। बताया जा रहा है कि सुबह पुजारी जब मंदिर पहुंचे तो वहां की स्थिति देखकर दंग रह गए। मंदिर में बाहर से लेकर अंदर तक तोड़फोड़ की गई थी।

Vasuki Nag Temple
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प्रतिमाओं पर फेंके गए पत्थर
मंदिर के दरवाजे, खिड़कियां टूटे पड़े थे। मंदिर के अंदर मूर्ती के ऊपर भी पत्थर फेंके गए थे। पुजारी ने इलाके के लोगों और पुलिस को सूचना दी। जैसे-जैसे यह खबर फैली मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। लोगों ने मंदिर पर हमले को लेकर अपना गुस्सा जाहिर करना शुरू कर दिया।

प्रतिमाओं पर पथराव के कारण उनके चेहरे क्षतिग्रस्त

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Vasuki Nag Temple Photo | Twitter
सूचना के अनुसार प्रतिमाओं पर पथराव के कारण उनके चेहरे क्षतिग्रस्त हो गए इससे मूर्तियां खंडित हो गई। लोगों ने कहा कि यह मंदिर प्राचीन है और उनकी इससे आस्था है। मंदिर में तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई की जाए।
बताया जा रहा है कि रविवार रात वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़ की गई। जम्मू में पिछले कई दिनों से हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। सुबह पुजारी के पहुंचने पर घटना का पता चला। खबर फैलते ही लोगों ने भदरवाह में प्रदर्शन से शुरू कर दिया है।

क्या है मंदिर का ​इतिहास?

Vasuki Nag Temple
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बता दें कि ये भद्रेवाह का सबसे पुराना मंदिर है जो 11 वीं सदी में बना था। वासुकी का अर्थ संस्‍कृत में नाग होता है। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, वासुकी नागों के राजा हुआ करते थे जिनके माथे पर नागमणि लगी थी। मंदिर में वासुकी भगवान की मूर्ति लगी हुई है जो एक बड़े से पत्‍थर से बनाई गई है। कैलाश यात्रा से पहले यहां विशेष पूजा को करने का प्रावधान है। कैलाश यात्रा, हिंदूओं की धार्मिक यात्रा है।
मंदिर के बारे में कहा जाता है कि 1629 में बसोहली के राजा भूपत पाल ने भद्रवाह पर कब्जा किया था। बसोहली और भद्रवाह के बीच से छत्रगलां से होकर बनी के पनियालग से होकर रास्ता गुजरता था। एक लोक कथा के अनुसार भद्रवाह की ओर जाते समय राजा भूपत पाल ने कैलाश कुंड का रास्ता अपनाया।
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राजा के कान के छल्ले मांगे और बसोहली में उनका मंदिर बनवाने को कहा

राजा कुंड पार करे थे तभी बीच में वे विशाल नाग के जाल में फंस गए। राजा घबरा गए और उन्होंने नाग से माफी मांगी और कहा कि वह कुंड पार नहीं करेगा। नाग ने राजा के कान के छल्ले मांगे और बसोहली में उनका मंदिर बनवाने को कहा। राजा ने मंदिर के लिए मूर्तियां बनवाना शुरू किया।

राजा ने छल्ला वापस डाला उसका नाम वासक छल्ला पड़ा

किवदंती है कि प्रतिमाएं बनने में देरी हुई और राजा का मंदिर बनवाने का काम धीमा हो गया। एक बार राजा छत्रगलां की ओर से वापिस लौट रहा था इस बीच उसे रास्ते में प्यास लगी। पास बने झरने में राजा ने पानी पीने के लिए जैसे ही हाथ बढ़ाया पानी के साथ उनका नाग देवता को दिया गया छल्ला भी आ गया। राजा ने यह छल्ला वापस कैलाश कुंड में चढ़ाया और कहा कि वह जल्द ही मंदिर का काम पूरा करवाएगा। जिस कुंड में राजा ने छल्ला वापस डाला उसका नाम वासक छल्ला पड़ा। आज भी लोग इस कुंड को वासक छल्ला कहते हैं।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल sticky bombs रखने वाले आतंकवादी गुटों की आशंका

अमरनाथ यात्रा नजदीक आने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल sticky bombs रखने वाले आतंकवादी गुटों की आशंका है। ये विस्फोटक व्हीकल्स से चिपका दिया जाता है और फिर दूर से विस्फोट किया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आतंकवादियों और उनके सपोर्टर्स से पूछताछ और अन्य सबूतों के बाद सुरक्षा बलों ने स्टिकी बम बरामद किए हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान से उड़ान भरने वाले एक ड्रोन में तकनीकी खराबी आ गई थी। उसे कठुआ में पकड़ा गया था।

तीर्थ यात्रा में लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के भाग लेने की संभावना

सुरक्षाबालों को उस जगह से सात मैग्नेटिक बम या "स्टिकी बम" सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ था। बता दें कि 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। दक्षिण कश्मीर के ऊपरी इलाकों में स्थित गुफा मंदिर की तीर्थ यात्रा में लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के भाग लेने की संभावना है। यह11 अगस्त को खत्म होगी। IGP जम्मू-कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि सुरक्षा बल खतरे से निपट रहे हैं।

स्टिकी बम का इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा भी किया गया

इस हमले में उनकी पत्नी घायल हुई थीं।अधिकारियों ने कहा कि स्टिकी बम, जिनका इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा भी किया गया था, को किसी भी वाहन पर रखा जा सकता है और रिमोट कंट्रोल या इन-बिल्ट टाइमर के माध्यम से विस्फोट किया जा सकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पिछले महीने जम्मू के कटरा में एक यात्री बस में हुए रहस्यमय विस्फोट की जांच कर रही है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।
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