जहां देशभर में त्योहारों को लेकर लोगों में उत्साह है वहीं कुछ ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जो आपसी सौहार्द बिगाड़ने का काम कर सकती हैं. ताजा मामला रतलाम का है जहां विहिप नेता ने गरबा पंडालों के बाहर पोस्टर लगाए हैं. उन पोस्टरों पर लिखा है कि गैर हिंदुओं का गरबा प्रांगण में प्रवेश वर्जित है। विहिप के इस पोस्टर को गरबा के आयोजकों ने भी समर्थन दिया है. आयोजक ने कहा है कि असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं. वहीं विहिप का ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वहीं कई सवाल भी उठ रहे हैं।
वहीं जब इस मामले में विहिप के जिला महासचिव चंदन शर्मा से
सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमने हर पोस्टर में लिखा है
कि गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है. कुछ धर्मों के लोग आते हैं,
उनसे हमारा एक सवाल है कि जब हिंदू लड़कियां गरबा करती हैं तो
क्यों आते हैं। अगर उन्हे गरबा पसंद है तो उन्हे अपने घर से
महिलाओं को गरबा खेलने के लिए लाना चाहिए।
विहिप नेता ने कहा कि हम पहचान पत्र देखकर उन्हें रोकेंगे.
इस तरह के पोस्टर सभी पंडालों में लगाए गए हैं।
रतलाम की तरह इंदौर में भी नवरात्रि के दौरान कई जगहों पर गरबा कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. ऐसा ही एक कार्यक्रम गांधीनगर क्षेत्र स्थित ऑक्सफोर्ड कॉलेज में भी हो रहा था। इस बीच बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता यहां पहुंच गए। उन्हे पता चला था कि गरबा में गैर-हिंदुओं के प्रवेश की भी अनुमति थी, जिसे लेकर वह आक्रोशित थे।
हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम बंद करवा दिया और चार गैर-हिंदू युवकों को कार्यक्रम स्थल से पकड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि गरबा के नाम पर लव जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दौरान एसएसपी समेत पुलिस बल यहां पहुंच गया। कार्यकर्ताओं ने मामले में कार्रवाई की मांग उठाई, जिसके बाद गरबा कार्यक्रम को पूरी तरह से रोकना पड़ा.
बजरंग दल की जिलाध्यक्ष तनु शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजक गरबा के नाम से व्यापार कर रहा था. 300 रुपये का टिकट 1500 रुपये में बिका। प्रशासन ने 800 लोगों को अनुमति दी है लेकिन यहां 10 हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। हमें पता चला कि टिकट वितरण गैर-हिंदुओं द्वारा से करवाया जा रहा है, जिस पर हमने आयोजक पर आपत्ति जताई थी।