33 साल पुराने केस ने सिध्दू की मुसीबत बढ़ा दी है। सिध्दू ने एक बुजुर्ग के साथ कहासुनी में घुटना मार दिया, जिसमें उस बुजुर्ग की मौत हो गई थी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि 15 मई 2018 को सिध्दू को मात्र 1 हजार रुपए के जुर्माने पर छोड़ दिया था।
पंजाब चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिध्दू की 33 साल पुराने मामले को लेकर मुसीबते बढती नजर आ रही है। इस केस में सुप्रीम कोर्ट गुरूवार दोपहर 3:30 बजे सुनवाई करेगा। इस मामले में जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की विशेष पीठ सुनवाई करेगी।
इस मामले में पीडित परिवार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। पीडित परिवार ने आरोप है कि सिध्दू को रोड रेज मामले में 1 हजार रूपये के जुर्माने पर छोड़ दिया गया। ऐसे में यह मामला चुनाव पहले सिध्दू की मुसीबतें बढाता दिख रहा है।
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27 दिसंबर 1988 को कार पार्किंग को लेकर सिध्दू की गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग से कहासुनी हुई और फिर देखते ही देखते हाथापाई होने लगी। इस दौरान गुरनाम सिंह के साथ उनका भांजा भी मौजूद था।
बताया जा रहा है कि हाथापाई के दौरान सिध्दू ने गुरनाम को घुटना मार दिया जिससे बुजुर्ग सड़क पर गिरा पड़ा। जिसके बाद बुजुर्ग को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इससे पहले ही गुरुनाम ने दम तोड़ चुके थे।
सिध्दू के साथ उस समय उनका दोस्त रुपिंदर सिंह संधू भी मौजूद था। साल 2006 में इस केस में सिध्दू को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से एक हजार रुपए के जुर्माना राशि अदा करने के बाद राहत दे दी गई। इसके बाद पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की।
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