राजस्थान में राजनितिक हल चल एक बार फिर होने लगी है। सत्ता के गलियारों में आशा फिर से जगने लगी है। राजनैतिक गतिविधि की हम बात करे तो कांग्रेस पार्टी के कदावर नेता सचिन पायलट ने हाल ही में राहुल और प्रियंका गाँधी से मुलाक़ात की है। इस मुलाकात के चर्चे राजनितिक मोहल्ले में तेज है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है की पायलट को जल्दी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। जिसके अनुमान यह भी है की राजस्थान विधानसभा चुनाव नजदीक है और पायलट का कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने में अपना एक अलग मुकाम रहा है ।आलाकमान पायलट को बड़ी जिम्मेदारी देकर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाकर इतिहास बनाना चाहती है।
वही पार्टी संगठन को मजबूत करके नए वर्कर्स और यूथ को पार्टी से जोड़ने के रोडमैप पर भी बात हुई है। खुद सचिन पायलट की आगामी दिनों में संगठन में क्या भूमिका रहेगी, इस पर भी बात होने की संभावना है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पायलट ने स्टार प्रचारक के तौर पर पार्टी का प्रचार किया था।
सचिन पायलट शुक्रवार को अजमेर दौरे पर गए थे। अजमेर से सीधे दिल्ली चले गए थे। इस बैठक और मुलाकात के पीछे प्रियंका गांधी का रोल माना जा रहा है। यूपी में सचिन पायलट ने प्रियंका के साथ प्रचार किया था। आगे भी पायलट महंगाई के मुद्दे पर पार्टी का पक्ष रखने के लिए देश भर में जा सकते हैं। पायलट ने गुरुवार को जयपुर में महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के धरने में भी इस बात के संकेत दिए थे। पायलट ने मेंबरशिप की धीमी रफ्तार पर चिंता जताते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने पर फोकस करने की नसीहत दी थी।
सचिन पायलट ने राजस्थान में सत्ता और संगठन को लेकर कई मुद्दे उठाए थे। मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के बाद काफी हद तक पायलट कैंप को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है। पायलट के सत्ता-संगठन से जुड़े कुछ मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं। सचिन पायलट के पास फिलहाल कोई पद नहीं है। उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चाएं है।