NASA Moon Mission: कौन है चाँद पर जाने वाले पहले भारतीय अनिल मेनन

इंसान को चंद्रमा पर कदम रखे हुए 50 साल हो गए हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) एक बार फिर चांद पर कदम रखने का सपना देख रही है। जी हां, बता दें कि NASA पुरे 50 साल बाद चांद पर इंसान भेजने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रमा पर अपने मिशन के लिए 10 ट्रेनी अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है।
NASA Moon Mission: कौन है चाँद पर जाने वाले पहले भारतीय अनिल मेनन
NASA Moon Mission: कौन है चाँद पर जाने वाले पहले भारतीय अनिल मेननAnil Menon, Image By : News NCR
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इंसान को चंद्रमा पर कदम रखे हुए 50 साल हो गए हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) एक बार फिर चांद पर कदम रखने का सपना देख रही है। जी हां, बता दें कि NASA पुरे 50 साल बाद चांद पर इंसान भेजने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रमा पर अपने मिशन के लिए 10 ट्रेनी अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है। भारतीय मूल के अनिल मेनन भी इसमें शामिल है। 45 साल के अनिल नासा की 2021 की क्लास का हिस्सा बनेंगे। बता दें कि अनिल स्पेसएक्स में फ्लाइट सर्जन थे और यूएस एयरफोर्स में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। इस क्लास के लिए 10 लोग चुने गए है, जिनमें 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल है।

चांद पर जाने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति होंगे अनिल

अनिल ने भारत में भी लगभग एक साल बिताया है, तब उन्हें पोलियो अभियान का अध्ययन और समर्थन करने के लिए यहां भेजा गया था। अभी तक कोई भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री चांद पर नहीं गया है। इसलिए ये भारत के लिए बेहद गर्व की बात है। हालांकि अब तक 4 भारतीय अंतरिक्ष में जा चुके हैं।

बता दें कि राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री थे। उनके अलावा भारतीय मूल की कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स और राजा चारी अंतरिक्ष में जा चुके हैं। अगर अनिल नासा के मून मिशन का हिस्सा बनते हैं तो वह चांद पर जाने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति होंगे।

2 साल तक चलेगी अनिल की ट्रेनिंग

मून मिशन के लिए 12000 लोगों के आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से केवल 10 का ही प्रशिक्षण के लिए चयन किया गया है। अगले साल जनवरी में इन चुने हुए लोगों को टेक्सास के जॉनसन स्पेस सेंटर में रिपोर्ट करना होगा और इसके बाद उन्हें 2 साल की ट्रेनिंग से गुजरना होगा। एक बार प्रशिक्षण पूरा हो जाने के बाद, ये सभी नासा के आर्टेमिस जनरेशन प्रोग्राम का हिस्सा होंगे। इस कार्यक्रम के तहत 2025 में नासा चांद की सतह पर पहली महिला और पुरुष को भेजने की योजना बना रहा है।

10 ट्रेनी एस्ट्रोनॉट
10 ट्रेनी एस्ट्रोनॉटImage Credit: Ajay Bharat

नासा द्वारा चुने गए 10 प्रशिक्षु

अनिल के अलावा, चयनित अन्य 9 ट्रेनी अंतरिक्ष यात्रियों में अमेरिकी वायु सेना के मेजर निकोल एयर्स और मेजर मार्कोस बेरियोसो, यूएस मरीन कॉर्प्स मेजर (सेवानिवृत्त) ल्यूक डेलाने, यूएस नेवी लेफ्टिनेंट कमांडर जेसिका विटनर और लेफ्टिनेंट डेनिज़ बर्नहैम, यूएस नेवी कमांडर जैक हैथवे, क्रिस्टोफर विलियम्स, क्रिस्टीना बिर्चो और आंद्रे डगलस भी शामिल है।

कौन है चयनित ट्रेनी अनिल मेनन ?

अनिल मेनन के माता-पिता भारतीय और यूक्रेनियन थे। वह मिनेसोटा, यूएसए में पले-बढ़े। उन्होंने 1999 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोबायोलॉजी में स्नातक और 2004 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अनिल के पास स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल से डॉक्टरेट की डिग्री भी है। साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में नासा के कई मिशनों के लिए क्रू फ़्लाइट सर्जन के रूप में भी काम किया है।

अनिल स्पेसएक्स के लिए भी कर चुके है काम

2014 में उन्होंने NASA के फ्लाइट सर्जन के तौर पर काम करना शुरू किया। वे सोयुज मिशन में भी शामिल रहे। 2018 में उन्होंने एलोन मस्क की स्पेसएक्स जॉइन की और कंपनी की पहली ह्यूमन फ्लाइट के मेडिकल प्रोग्राम और तैयारियों में मदद की। उन्होंने स्टारशिप के निर्माण, एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम, लॉन्च प्रोग्राम्स के लिए भी काम किया है।

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