
बिहार को लेकर अक्सर चौंकाने वाले खुलासे होते रहते हैं। कभी शिक्षा व्यवस्था की बदहाली तो कभी स्वास्थ्य सुविधाओं की खामियां और लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं। स्कूलों में परीक्षाओं के दौरान नकल के मामले भी कई बार सामने आ चुके। एक बार तो बोर्ड टॉपर से जब मीडिया ने कुछ साधारण सवाल किए तो वह उनके जवाब तक नहीं दे पाई। बाद में जांच हुई तो फर्जीवाड़ा पकड़ में आया।
अब एक मामला स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही का सामने आया है। बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को कितना बुरा हाल है, इसकी बानगी खगड़िया में लगातार देखने को मिल रही है। जिले के अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन कराने आई कई महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन दिए बिना जबरन ऑपरेशन कर दिया गया। महिला चीखती चिल्लाती रही, लेकिन उसका हाथ-पैर पकड़कर ऑपरेशन कर दिया गया।
महिलाओं का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने जबरन हाथ, पैर पकड़कर और मुंह बन्द करके ऑपरेशन किया। इस दौरान वह चीखती-चिल्लाती रही। इतना ही नहीं उन्हें धमका कर चुप कराया गया। बताया जाता है कि ग्लोबल डेवलपमेंट इनीटीवेट नाम की प्राइवेट एजेंसी ने इन महिलाओं का ऑपरेशन कराया है।
चिकित्सकों की माने तो ऐसी हालत में इंफेक्शन और दर्द से महिलाओं की मौत भी हो सकती थी। हालांकि सिविल सर्जन डॉक्टर अमरनाथ झा का कहना है कि अलौली मामले की जांच की जाएगी और रिपोर्ट आने पर कार्रवाई होगी। वहीं परबत्ता मामले में PHC प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसी महीने जिले के परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इसी तरह की लापरवाही सामने आई थी। परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिलाओं को परिवार नियोजन करने से पहले फर्श पर घंटों लिटाया गया था। परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी प्राइवेट एजेंसी को परिवार नियोजन का ठेका मिला है। कुल मिलाकर प्राइवेट एजेंसी महिलाओं के जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है।