MCD result: हार के बाद भी BJP चुनेगी अपना मेयर! जानें भाजपा क्यों है आश्वस्त?

दिल्ली नगर निगम चुनावों के अब तक सामने आए नतीजों में AAP पहले और BJP दूसरे नंबर पर है। लेकिन दोनों की दल अपना-अपना मेयर बनाने का दावा कर रहे हैं। बीजेपी जिस आधार पर अपने मेयर का दावा कर रही है वह आधार हम आपको बताते हैं। जानें पूरा मामला...
MCD result: हार के बाद भी BJP चुनेगी अपना मेयर! जानें भाजपा क्यों है आश्वस्त?
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Delhi MCD result: दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनावों के अब तक आए नतीजों ने सबको चौंका दिया है। मतदान के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों में आम आदमी पार्टी (AAP) क्लीन स्वीप करती दिख रही थी, लेकिन आज परिणाम घोषित होने लगे तो बीजेपी आम आदमी पार्टी को टक्कर देती दिखी। हालांकि अब तक के रुझान और परिणाम में आम आदमी पार्टी (AAP) अभी आगे चल रही है और भाजपा दूसरे नंबर पर है। आज शाम तक नतीजे पूरी तरह से साफ हो जाएंगे। अभी वोटों की गिनती जारी है इसी बीच भाजपा और आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपना-अपना मेयर बनाने का दावा भी करने लग गए हैं।

भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि इंतजार कीजिए, भाजपा को जीत मिलेगी। मेयर भी भाजपा का ही बनेगा, नतीजे आने दीजिए। वहीं भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी कहा कि दिल्ली में फिर एक बार भाजपा का ही मेयर बनेगा। दूसरी तरफ आप नेता संजय सिंह ने दावा किया कि भाजपा एमसीडी चुनाव हार गई है, इस बार आप का ही मेयर बनेगा।

बड़ा सवाल यह है कि जब आप भाजपा से आगे चल रही है, तो ऐसे में वह किस आधार पर अपना मेयर बनाने का दावा कह रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि पार्षदों के ऊपर दलबदल का कानून लागू नहीं होता है। भाजपा के इस दावा से यह संकेत मिल रहा है कि मेयर चुनाव के समय क्रॉस वोटिंग हो सकती है।

एक साल का होता है मेयर का कार्यकाल

जानकारी के मुताबिक एमसीडी में जो पार्टी भी जीत कर आएगी, उसका कार्यकाल 5 साल तक रहेगा लेकिन उसका पार्षद लगातार पांच साल तक मेयर नहीं रह सकता है। दिल्ली में मेयर का कार्यकाल सिर्फ एक साल के लिए ही होता है। वहीं मेयर का चुनाव भी सीधे तौर पर नहीं होता है। जीतकर आए पार्षद ही हर साल नया मेयर चुनते हैं। नियमों के तहत पहला साल महिला पार्षद ही मेयर बन सकेगी जबकि दूसरा साल अनुसूचित जाति का कोई पार्षद ही इसके लिए दावेदारी कर सकता है।

इसके अलावा बचे तीन वर्ष अनारक्षित होंगे यानि इन वर्षों में कोई भी पार्षद इस पद के लिए दावेदारी कर सकेगा। दिल्ली नगर निगम एक्ट के मुताबिक एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद जब सदन की पहली बैठक होती है, तब मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है। बता दें कि एमसीडी की 250 सीटों पर 4 दिसंबर को मतदान हुआ था। कुल 1349 उम्मीदवार ने इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

"शाबाश कचरा शाबाश", इंटरनेट पर मीम्स की बाढ़

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों को लेकर ताजा रुझानों में आम आदमी पार्टी बहुमत के आंकड़े की ओर बढ़ती नजर आ रही है। एक तरफ वोटों की गिनती जारी है तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर यूजर्स चुनावों को लेकर मीम्स शेयर कर रहे हैं। ट्विटर पर इस वक्त हैशटैग #MCDResults ट्रेंड कर रहा है और इंटरनेट पर मीम्स की बाढ़ आ गई है।

ट्वीटर पर एक यूजर ने लिखा है कि पीएम मोदी इस चुनाव के रुझानों को किस तरह से देख रहे हैं। यूजर ने लगाम फिल्म की फोटो शेयर कर लिखा है- "शाबाश कचरा शाबाश"।

एमसीडी चुनाव में कांग्रेस के सीटें न के बराबर मिलती देख एक यूजर ने 3 इडियट फिल्म से एक तस्वीर शेयर की है। जिसमें लिखा है- नीचे से चैक कर...नीचे से। वहीं, एक यूजर ने लिखा है कि "दिल्ली वालों आखिर क्या करके मानोगे, सभी को हिला डाला है।"

एमसीडी चुनाव के एग्जिट पोल में आप का जीतना लगभग तय माना जा रहा था लेकिन मतगणना के शुरूआती रुझानों में तस्वीर पूरी तरह से बदलती देख एक यूजर ने लिखा कि- 'एकदम से वक्त बदल गया, जज्बात बदल गए।

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