Cow Dung Reduces Radiation: क्या सच में गाय के गोबर से बने घरों पर Atomic Radiation का असर नहीं होता?

Cow Dung Reduces Radiation: गुजरात की तापी जिला अदालत के सत्र न्यायधीश ने गाय को मां बताते हुए कहा कि गाय के गोबर का इस्तेमाल कर बनाए घरों पर Atomic Radiation का असर नहीं होता। इस दावें में कितनी सच्चाई है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट..
Cow Dung Reduces Radiation
Cow Dung Reduces RadiationKuldeep Choudhary
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Cow Dung Reduces Radiation: हाल ही में गुजरात की तापी जिला अदालत के सत्र न्यायधीश ने गौ तस्करी मामले में एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनते हुए गाय को लेकर टिप्पणी की।

सत्र न्यायाधीश एसवी व्यास ने कहा कि गाय केवल एक जानवर नहीं है, बल्कि मां है। गोहत्या बंद कर दी जाए तो धरती की सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। अगर गाय दुखी होगी तो हमारा धन और संपत्ति खत्म हो जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि गाय के गोबर का इस्तेमाल कर बनाए घरों पर एटॉमिक रेडिएशन का भी असर नहीं होता। वहीं, गोमूत्र से कई लाइलाज बीमारियों का इलाज भी होता है।

फोटो - प्रतीकात्मक
फोटो - प्रतीकात्मक

गाय केवल एक जानवर नहीं है, बल्कि यह मां है इसलिए इसे मां का नाम दिया गया है। एक गाय 68 करोड़ पवित्र स्थानों और 33 करोड़ देवताओं का जीवित ग्रह है। जिस दिन गाय के रक्त की एक बूंद भी पृथ्वी पर नहीं गिरेगी, पृथ्वी की सभी समस्याएं हल हो जाएंगी और पृथ्वी पर भलाई स्थापित हो जाएगी। 

एसवी व्यास, सत्र न्यायाधीश, तापी

गोहत्या, जलवायु परिवर्तन बड़ा कारण

न्यायाधीश ने गोहत्या को जलवायु परिवर्तन से जोड़ते हुए कहा कि आज जो समस्याएं हैं, वे बढ़ती चिड़चिड़ेपन और गर्म स्वभाव की वजह से हैं। इसकी वृद्धि का एकमात्र वजह गोहत्या है। जब तक इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जाती है, तब तक सात्विक जलवायु परिवर्तन का प्रभाव नहीं हो सकता है।

जुलाई 2020 में एक ट्रक में 16 से अधिक गोवंशों की तस्करी से जुड़े मामले में आरोपी मोहम्मद आमीन आरिफ अंजुम को जिला अदालत ने सजा सुनते हुए आजीवन कारावास और 5 लाख का जुर्माना लगाया।

Cow Dung, रेडिएशन को कम करता है

साल 2020 में राष्ट्रीय कामधेनु अयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने दावा किया था कि गाय का गोबर एंटी रेडिएशन होता है। इससे बने चिप के इस्तेमाल से मोबाइल का रेडिएशन कम किया जा सकता है।

विज्ञान का मत

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR), मुंबई के प्रोफेसर अमोल दीघे का कहना कि अगर 'चिप' वैज्ञानिक रूप से मोबाइल फोन से निकलने वाले विकिरण को कम करने के लिए सिद्ध है, तो कामधेनु आयोग को उन प्रयोगों का विवरण सार्वजनिक करना चाहिए जो किए गए थे।

उन्होंने आगे कहा कि गाय के गोबर की "चिप" मोबाइल फोन के रेडिएशन को अवशोषित कर सकती है, इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए किए गए प्रयोगों के दस्तावेज खोजने के लिए हमने कामधेनु आयोग की वेबसाइट को खंगाला, लेकिन इसका कोई उल्लेख नहीं मिला।

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