
जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बल आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के लिए काल बन गए हैं। पाकिस्तान लगातार सीमा पार से घुसपैठ कर जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करता है। भारतीय सेना ने अपनी मुस्तैदी से पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया और आतंकियों को जहन्नुम का रास्ता दिखाया। राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह और एडीजीपी कश्मीर जोन विजय कुमार ने आज श्रीनगर में संवाददाता सम्मेलन में वर्ष 2022 का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।
विजय कुमार ने बताया कि इस साल यानी 2022 में घाटी में 93 सफल ऑपरेशन हुए, जिसमें 42 विदेशी आतंकियों समेत कुल 172 आतंकी मारे गए। एडीजीपी ने बताया कि इस साल आतंकियों की नई भर्ती में 37 फीसदी की कमी आई है। सबसे ज्यादा (74) आतंकी लश्कर में शामिल हुए। इस साल कुल 65 आतंकियों की भर्ती की गई, जिनमें से 58 (89%) को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। 17 आतंकी गिरफ्तार किया और अब 18 आतंकी घाटी में सक्रिय हैं। एडीजीपी ने कहा कि नए भर्ती हुए आतंकियों को घाटी में सक्रिय होने से पहले ही ढेर कर दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर में इस साल अलग-अलग मुठभेड़ों में भारी मात्रा में हथियार जब्त किए गए हैं। विजय कुमार ने बताया कि 360 मुठभेड़ों और मॉड्यूल के भंडाफोड़ के दौरान एके सीरीज की 121 रायफल, 08 एम-4 कार्बाइन और 231 पिस्टल बरामद की गई हैं। इसके अलावा, आईईडी और ग्रेनेडों की समय पर बरामदगी से बड़ी आतंकी घटनाएं टल गईं।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पिछले 4 सालों में 2022 काफी अच्छा रहा है। इस साल सबसे कम सक्रिय आतंकी हैं। जैश और लश्कर के साथ टीआरएफ के आतंकी घाटी में वारदातों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं। पाकिस्तान उनका समर्थन करता है।
डीजीपी ने कहा कि सुरक्षाबलों के साथ-साथ अब जम्मू शहर भी आतंकियों के निशाने पर है। इस साल भी कई सीआरपीएफ और पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। पुलिस की कार्रवाई आतंकियों और उनका समर्थन कर रहे ओवर ग्राउंड वर्करों के खिलाफ जारी है। आतंकियों की मदद करने वाले और उन्हें रसद मुहैया कराने वाले 50 वाहन जब्त किए गए हैं।
पुलिस ने कुल 649 ओवर ग्राउंड वर्करों के खिलाफ कार्रवाई की है। जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अब 2023 में हम 'मिशन जीरो टेरर' चलाएंगे और केंद्र शासित प्रदेश को पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त बनाकर मरेंगे।