Jharkhand Ropeway Accident:  3 हेलिकॉप्टर से 22 को निकाला, 23 घंटे बाद 26 श्रद्धालु अब भी फंसे, रेस्क्यू जारी

Jharkhand Ropeway Accident: 3 हेलिकॉप्टर से 22 को निकाला, 23 घंटे बाद 26 श्रद्धालु अब भी फंसे, रेस्क्यू जारी

Jharkhand Ropeway Accident: 20 घंटे बाद 8 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया। अभी भी 40 लोग हवा में लटकी ट्रॉली में फंसे हुए हैं। जिनमें से 22 लोगों को बचा लिया गया है। तार की जाली के कारण एनडीआरएफ और सेना के कमांडो को बचाव में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत (Trikut mountain) पर रोपवे हादसे (jharkhand ropeway accident) को सेना, वायुसेना और NDRF ने अपने हाथ में ले लिया है। सोमवार सुबह के बाद हेलीकॉप्टर से फिर से बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।

20 घंटे बाद 22 लोगों को बचा लिया गया है। अभी भी लोग हवा में लटकी ट्रॉली में फंसे हुए हैं। तार की जाली के कारण एनडीआरएफ और सेना के कमांडो को बचाव में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

सुबह छह घंटे की मशक्कत के बाद हेलीकॉप्टर वापस लौटा था। (Deoghar Ropeway Accident) अब फिर से योजना बनाकर रेस्क्यू शुरू किया गया है। कमांडो दो ट्राॅलियों के गेट खोलने में कामयाब रहे। वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टर ऑपरेशन में लगे हुए हैं।

रविवार की शाम करीब 4 बजे हादसा उस समय हुआ जब पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियां रवाना की गईं। इससे तारों पर अचानक लोड बढ़ गया और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं। इनमें से दो ट्रॉलियां नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई। उधर, बाकी ट्रॉलियां आपस में टकराकर रुक गईं। अभी 18 ट्रॉलियां फंसी हुई हैं, जिसमें अब भी 26 लोग सवार हैं। इनमें छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं।

2500 फीट की ऊंचाई पर ऑपरेशन शुरू करने से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए
कैबिन जमीन से लगभग 2500 फीट की ऊंचाई पर है। ऐसे में ऑपरेशन शुरू करने से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हादसे में फंसे लोगों की पहचान देवघर के अमित कुमार, खुशबू कुमारी, जया कुमारी, छठी लाल शाह, कर्तव्य राम, वीर कुमार, नमन, अभिषेक, भागलपुर के धीरज, कौशल्या देवी, अन्नु कुमारी, तनु कुमारी, डिंपल कुमार व वाहन चालक, मालदा के पुतुल शर्मा, सुधीर दत्ता, सौरव दास, नमिता, विनय दास के रूप में की गई है।

सेना व NDRF का ऑपरेशन जारी (Jharkhand Ropeway Accident)

रात भर रोपवे की ट्रॉली में बैठे लोग हवा में लटके रहे। एक-दूसरे से बात करके लोग अपनी घबराहट को दूर करते रहे। सुबह सेना ने रेस्क्यू शुरू किया। वायुसेना का हेलीकॉप्टर सुबह करीब साढ़े छह बजे पहुंच पाया। बचाव दल में कमांडो भी मौजूद हैं। ऑपरेशन शुरू करने से पहले हेलीकॉप्टर ने हवाई सर्वेक्षण किया। हवा में फंसी ट्रॉली में फंसे लोगों को नीचे लाने की योजना तैयार की गई थी।

NDRF की टीम भी प्रयास में जुटी
कई लोगों तक खाना-पानी नहीं पहुंच सका। एनडीआरएफ की टीम ने खुली ट्रॉली से पैकेट को केबिन में फेंकने की कोशिश की। सबका साहस बढ़ाने का प्रयास किया। मौके पर सांसद डॉ. निशिकांत दुबे, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत तमाम अधिकारियों ने यहां डेरा डाल रखा है।
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बिहार से NDRF, आर्मी और एयरफोर्स की टीमें पहुंची
इसके बाद सेना और आईटीबीपी की टीम सुबह बचाव कार्य के लिए त्रिकूट रोपवे पहुंची। परिजनों ने भी अपनों की सकुशल वापसी के लिए पूरी रात इंतजार किया। बिहार से एनडीआरएफ, आर्मी और एयरफोर्स की टीमें भी पहुंचीं।
रोपवे चलाने वाली एजेंसी की होगी जांच
झारखंड के पर्यटन मंत्री हाफिजुल हसन के अनुसार रोपवे का संचालन करने वाले दामोदर घाटी निगम को काली सूची में डाल दिया जाएगा। इसका सैप कैसे अचानक टूटा, इसका रख-रखाव कैसे चल रहा था, इन सभी बिंदुओं की जांच की जाएगी। आने वाले समय में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए वैकल्पिक सड़क बनाई जाएगी।

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