इंडिया गठबंधन को हाल ही में खजुराहो लोकसभा संसदीय सीट पर बड़ा झटका लगा। वहां से लोकसभा उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन रद्द कर दिया गया।
इसके बाद वहां से आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार राजा भैया प्रजापति को संयुक्त रूप से उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया है।
मध्यप्रदेश की खजुराहो सीट पर करीब-करीब रोज घटनाक्रम बदल रहा है। अपनी इकलौती उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद इण्डिया गठबंधन ने नए उम्मीदवार को अपना समर्थन दे दिया है।
कांग्रेस ने खुजराहो सीट पर सुभाष चंद्र बोस की पार्टी आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक को समर्थन देने के ऐलान किया है। कांग्रेस के मुताबिक़ सुभाष चंद्र बोस की राजनीतिक पार्टी की विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है, इसलिए उन्होनें राजा भैया प्रजापति को संयुक्त प्रत्याशी बनाया है।
राजा भैया प्रजापति पूर्व आईएएएस हैं। उन्होनें छतरपुर के महाराजा कॉलेज से अंग्रेजी में एमए किया है। उसके बाद साल 1982 में उसी कॉलेज में वे असिस्टेंट प्रोफेसर भी रहें। साल 1985 में वे राज्य प्रशासनिक अधिकारी बने।
वे जतारा, अजयगढ़, पन्ना, गोपदवानस, चुरहट, सेंधवा और बढ़वा के एसडीएम रहे। बिड़वानी, विदिशा, भिंड, शिवपुरी और सिवानी के अपर कलेक्टर रहे। दतिया, बुरहानपुर, श्योपुर में सीईओ जिला पंचायत रहे।
निर्वाचन आयोग इन्हें बना चुका है प्रेक्षक
राजा भैया का साल 2002 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोशन हुआ। इसके बाद वे उच्च शिक्षा विभाग में अपर संचालक रहें। स्वास्थ्य, श्रम, एवं परिवार कल्याण विभाग में उप सचिव और वन विभाग में अपर सचिव रहे।
अशोक नगर के कलेक्टर, चम्बल विभाग के अपर आयुक्त, राज्य खाद्य आयोग के सचिव भी रहे। भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, असम, पश्चिम बंगाल, और त्रिपुरा का भी प्रेक्षक बनाया गया।