
Maharashtra: केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद के बदले हुए नाम को मंजूरी दे दी है। अब औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद को धाराशिव के नाम से जाना जाएगा। औरंगाबाद का नाम मुगल शासक औरंगजेब, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।
यहां हम आपको बता दें कि जिन जिन प्रदेशों में भाजपा या उसके समर्थन में शासन है, वहां वहां आतताई मुगल शासकों के नाम पर रखे गए शहरों के नाम अब धीरे-धीरे बदले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड प्रदेश इसके मुख्य उदाहरण हैं, जहां शहरों ही नहीं कई रेलवे स्टेशनों तक के नाम अब तक बदले जा चुके हैं। भाजपा आतताईयों पर रखे गए नाम बदलकर भारत का गौरव लौटाने का काम कर रही है।
छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े बेटे छत्रपति संभाजी उनके पिता द्वारा स्थापित मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक थे। संभाजी महाराज को 1689 में औरंगजेब के आदेश पर फांसी दे दी गई थी। कुछ विद्वानों के अनुसार उस्मानाबाद के समीप एक गुफा धाराशिव आठवीं सदी की है। हिंदू दक्षिणपंथी संगठन इन दो शहरों के नाम बदलने की मांग लंबे समय से कर रहे थे।
2014 में केंद्र में बनी मोदी सरकार भी अब तक पीएम आवास समेत कई नाम बदल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में बीते 8 सालों में मुख्य रूप से 7 जगहों के नाम बदल दिए। आइए, हम आपको बताते हैं उन जगहों के नाम...
भारत सहित पूरे दुनिया के लिए हमेशा से ही चर्चा में रहा है भारत के प्रधानमंत्री का आवास, जिसे पहले सेवन रेस कोर्स (7 RCR) के नाम से जाना जाता था। केंद्र में बीजेपी सरकार आने के बाद सितंबर 2016 में इसका नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया। विपक्ष ने सरकार के इस फैसले की जमकर आलोचना की थी।
मार्च 1950 में आर्थिक नियोजन से शुरू किया गया योजना आयोग का नाम बदलकर मोदी सरकार ने नीति आयोग कर दिया। अब हम योजना आयोग को नीति आयोग के रूप में जानते हैं। साथ ही अब नीति आयोग ही अपने नवीनतम स्वरूप में देश का भविष्यगत नीतियां तय करती हैं।
देश की राजधानी दिल्ली की कई सड़कों के नाम राजनीतिक कला क्षेत्र खेल साहित्य व विज्ञान सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े हुए नामचीन हस्तियों पर रखे गए हैं। इसी कड़ी में बीजेपी ने केंद्र में आने के बाद दिल्ली के चर्चित औरंगजेब रोड का नाम बदल कर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम रख दिया।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए भारत के वीर सैनिकों की याद में अमर जवान ज्योति बनाया गया था जो भारत के शौर्य और पराक्रम को दर्शाता है। उसी के पास बनाए गए नेशनल वॉर मेमोरियल में केंद्र सरकार द्वारा 25 फरवरी 2019 को अमर जवान ज्योति का विलय कर दिया गया।
26 जनवरी को देश के गणतंत्र दिवस पर भारत की विविधता में एकता की झलक दिखाती झांकियां और विश्वस्तरीय परेड के लिए पूरी दुनिया में राजपथ के नाम से चर्चित सड़क अब कर्तव्यपथ हो गया है। 2022 में केंद्र सरकार द्वारा राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ रख दिया गया। इसको लेकर भी विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर जमकर तंज कसा गया।
केंद्र सरकार द्वारा भव्य रूप में नए संसद भवन का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। आने वाले कुछ ही महीनों में इसका कार्य पूर्ण भी हो जाएगा। अब पुराने संसद भवन के बदले इसे सेंट्रल विस्टा के नाम से जाना जाएगा। यानी देश को सेंट्रल विस्टा के नाम से नए संसद भवन का उपहार मिलेगा।
28 जनवरी, 2023 की शाम को राष्ट्रपति भवन का सबसे चर्चित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान रख दिया गया है। नाम बदलने की घोषणा के बाद से सोशल मीडिया पर इसको लेकर अनेक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। फरवरी और मार्च के महीने में इसे जनता के लिए खोला जाएगा।
कनॉट प्लेस- राजीव चौक
मुगल गार्डन- अमृत उद्यान
राजपथ- कर्तव्य पथ
महरौली- बदरपुर रोड- आचार्य महाप्रज्ञ मार्ग
रेस कोर्ड रोड- लोक कल्याण मार्ग
डलहौजी रोड- दाराशिकोह रोड
तीन मूर्ति चौक- तीन मूर्ति हाइफा चौक
लाजपत नगर फ्लाईओवर- झूलेलाल सेतु
मोहम्मदपुर गांव- माधवपुरम
फिरोजशाह कोटला स्टेडियम- अरुण जेटली स्टेडियम
प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन- सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन
बारापूला एलिवेटेड रोड- बाबा बंदा सिंह बहादुर सेतु
औरंगजेब रोड- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग
मुकरबा चौक - शहीद कैप्टन विक्रम बतरा चौक
दिल्ली- इंद्रप्रस्थ
तुगलक रोड- गुरु गोबिंद सिंह मार्ग
अकबर रोड- महाराणा प्रताप रोड
औरंगजेब लेन- अब्दुल कलाम लेन
हुमायूं रोड- महर्षि वाल्मिकि रोड
शाहजहां रोड- जनरल बिपिन सिंह रावत रोड
बाबर रोड- 5 अगस्त मार्ग
दिल्ली की सड़कों और जगहों के अलावा दिल्ली शहर का नाम भी बदलने की मांग समय-समय पर उठती रही है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा और संत महासभा ने कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ रखने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पिछले कार्यकाल में भी कई शहरों के नाम बदल दिए थे और अब जल्द ही 12 शहरों की बारी आने वाली है। वैसे हाल ही में कुछ सालों में केंद्र सरकार और यूपी सरकार ने कई नाम बदले हैं, जिसमें रेलवे स्टेशन से लेकर शहर और पुरस्कारों के नाम शामिल है। करीब 12 शहरों के नाम बदलने की तैयारी की जा रही है। इन शहरों में अलीगढ़, फर्रुखाबाद, सुल्तानपुर, बदायूं , फिरोजाबाद जैसे जिले भी शामिल हैं।