Manipur Violence: CBI के 53 अफसर करेंगे हिंसा की जांच, टीम में 29 महिलाएं bhi शामिल
Manipur Violence: CBI के 53 अफसर करेंगे हिंसा की जांच, टीम में 29 महिलाएं bhi शामिल

Manipur Violence: CBI के 53 अफसर करेंगे हिंसा की जांच, टीम में 29 महिलाएं भी शामिल

Manipur Violence: CBI ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए 53 अफसरों की लिस्ट तैयार की है। DIG अधिकारियों के नाम निर्मला देवी, लवली कटियार और मोहित गुप्ता हैं।
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Manipur Violence: CBI ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए 53 अफसरों की लिस्ट तैयार की है। इनमें CBI की 29 महिलाएं भी शामिल हैं। देशभर के CBI ऑफिस से इन सभी को इकट्‌ठा किया गया है।

CBI ने 3 DIG और 1 पुलिस सुपरिनटैंडैंट को मणिपुर में हुई हिंसा जांच की निगरानी करने के लिए भेजा है।

DIG अधिकारियों के नाम निर्मला देवी, लवली कटियार और मोहित गुप्ता हैं। जॉइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय मणिपुर हिंसा की पूरी जांच प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। पुलिस सुपरिनटैंडैंट राजवीर घनश्याम उपाध्याय को रिपोर्ट करेंगे।

मणिपुर हिंसा की जांच में 2 अतिरिक्त महिला पुलिस सुपरिनटैंडैंट्स, 6 महिला डिप्टी सुपरिनटैंडैंट्स, 16 इंस्पेक्टर और 10 सब-इंस्टपेक्टर्स भी टीम का हिस्सा रहेंगे।

मणिपुर हिंसा से जुड़ा अपडेट

मणिपुर के कई जिलों में सुरक्षाबलों को 8 हथियार, गोलियों के 112 राउंड और 6 विस्फोटक मिले हैं।

CBI मणिपुर हिंसा की जांच में पुलिस बल की मदद नहीं लेगा

ज्यादातर जब किसी भी राज्य में हिंसा से जुड़े मामलों को CBI को सौंपा जाता है, तो CBI जनशक्ति मुहैया करवाने के लिए उसी राज्य पर निर्भर रहती है। लेकिन मणिपुर हिंसा की जांच में CBI अधिकारियों को शामिल नहीं करना चाहती है, ताकि मणिपुर हिंसा जांच में पक्षपात के आरोप न लगें।

CBI को मणिपुर हिंसा से जुड़े 17 मामले सौंपे गए हैं। CBI ने मणिपुर हिंसा से जुड़े 8 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े दो मामले भी शामिल हैं।

अधिकारियों का कहना है कि CBI के पास अभी और केस भी आ सकते हैं। जिनमें महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न के मामले भी शामिल होंगे।

ये है मणिपुर हिंसा की वजह

मणिपुर में करीब 38 लाख लोग हैं जिसमें तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। नगा-कुकी ईसाई धर्म और मैतई ज्यादातर हिंदू धर्म को मानते हैं।

मैतेई समुदाय की मांग है कि मैतेई समुदाय को भी जनजाति का दर्जा मिलना चाहिए। मैतेई समुदाय ने इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई।

मैतेई समुदाय की दलील दी थी कि 1949 में मणिपुर भारत विलय होते समय मैतेई को जनजाति का ही दर्जा मिला था।

हाई कोर्ट ने मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने की बात कही। बाकी दोनों नगा-कुकी जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं।

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