केंद्रीय मंत्री की ओर से अधिकारियों की पिटाई का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री विश्वेश्वर टुडू किसी बात को लेकर आबबूला हो गए और उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर दोनों अधिकारियों पर कुर्सी से हमला कर दिया। इस हमले में देबाशीष महापात्रा का हाथ टूट गया है। जबकि अश्विनी कुमार मलिक को चोटें आई हैं। दोनों अधिकारियों को बारीपदा के पीआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
अब केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू पर एक सरकारी अधिकारी ने समीक्षा बैठक के दौरान उन पर हमला करने और मारपीट करने और हाथ तोड़ने का आरोप लगाया है। अधिकारी के हाथ पर पट्टी बंधी है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने अपने कार्यालय में बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जिला योजना एवं अनुश्रवण इकाई के उप निदेशक अश्विनी कुमार मलिक एवं सहायक निदेशक देबाशीष महापात्र को बुलाया गया था। घटना शुक्रवार की ही बताई जा रही है।
पीड़ितों का कहना है कि समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री किसी बात को लेकर काफी गुस्से में आ गए और उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर दोनों अधिकारियों पर कुर्सी से हमला कर दिया। इस हमले में देबाशीष महापात्रा का हाथ टूट गया है। जबकि अश्विनी कुमार मलिक को चोटें आई हैं। दोनों अधिकारियों को बारीपदा के पीआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मानें तो केंद्रीय मंत्री के खिलाफ दो सरकारी अधिकारियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर बारीपदा टाउन थाने में आईपीसी की धारा 323, 325, 294 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वहीं अश्विनी मलिक ने कहा कि जब हम दोनों मंत्री के पार्टी कार्यालय में मिले तो उन्होंने आपा खो दिया क्योंकि हम एमपीलैड की फाइल लाना भूल गए थे। 'मंत्री हम दोनों पर भड़कने लगे और गाली-गलौज करने लगे और फिर हमें प्लास्टिक की कुर्सी से पीटना शुरू कर दिया, किसी तरह हम दोनों मौके से भागने में सफल रहे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हुए कहा कि यह पंचायत चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि आरोप झूठे और निराधार हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "वे मेरे पास आए, हम लगभग आधे घंटे बैठे रहे, दोपहर के भोजन का समय हो गया, समीक्षा बैठक पूरी नहीं हो सकी, इसलिए मैंने उन्हें कल फिर आने के लिए कहा, फिर वे मेरे पास नहीं आए।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने उनसे फाइलें लेकर आने को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 7 करोड़ रुपये कैसे खर्च किए गए, अब वे निराधार आरोप लगा रहे हैं, अगर मैंने उन्हें पीटा होता, तो क्या वे लौट सकते थे।
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