Punjab: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल ने अपने हजारों साथियों के साथ पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया। फिर भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। पुलिस का इस तरह हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने और कोई सख्त कदम न उठाने को लेकर सवाल उठ रहा है।
क्या पुलिस खालिस्तानियों से डर गई या फिर खालिस्तानियों के खिलाफ कोई एक्शन ना लेने का आदेश सीधा दिल्ली से आ रहा था?
हालाँकि पुलिस अफसरों का कहना है कि गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी देख हम पीछे हट गए, कोई जवाबी कार्रवाई भी नहीं कर सकें। अगर हम एक्शन लेते तो सवाल उठ जाता। पुलिस कभी गुरुद्वारे में भी हथियार लेकर नहीं जाती, क्योंकि वहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी होते हैं।
अमृतपाल समर्थकों के हंगामे की तस्वीरें...
हमलावर तलवार और बंदूकें साथ लाए थे। उनके पास श्री गुरुग्रंथ साहिब भी थी। ऐसे में जवान पीछे हट गए।
हरपाल सिंह रंधावा, SSP
मैं श्री गुरुग्रंथ साहिब के आगे था, पीछे नहीं। इसलिए यह मत कहो कि हमनें श्री गुरुग्रंथ साहिब का सहारा लिया है।
अमृतपाल सिंह, 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख
16 फरवरी: अजनाला पुलिस स्टेशन ने चमकौर साहिब के वरिंदर सिंह को अगवा कर मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया। यह मामला 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह, लवप्रीत सिंह तूफान और करीबियों के खिलाफ था।
18 फरवरी: पुलिस ने गुरदासपुर से लवप्रीत तूफान को गिरफ्तार कर लिया। अमृतपाल ने पंजाब सरकार और पुलिस को वार्निंग दी कि अगर उसके साथी को 24 घंटे में ना छोड़ा गया तो वह कार्रवाई करेंगे।
22 फरवरी: वार्निंग को दोहराया गया और अमृतपाल ने 23 फरवरी की सुबह 11 बजे का अपने समर्थकों के साथ अजनाला पहुंचने का निर्देश दिया।
23 फरवरी: 10.30 बजे अमृतपाल समर्थक इकट्ठा होना शुरू हो गए। आधे घंटे में हालात ऐसे बने कि पुलिस पर तलवारों से हमला हुआ। और देखते ही देखते अजनाला पुलिस चौकी अमृतपाल व समर्थकों के कब्जे में आ गई।
24 फरवरी: पुलिस ने लवप्रीत तूफान को छोड़ने का फैसला लिया।