डेस्क न्यूज. राजस्थान में जल्द ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सभी लाभ भी जन आधार राशन कार्ड के माध्यम से ही लोगों को उपलब्ध होंगे। इससे जहां राशन कार्डों की छपाई की जरूरत खत्म हो जाएगी, वहीं राज्य के लोगों को राशन कार्ड को किताब के रूप में संभालने से भी मुक्ति मिल जाएगी. निदेशक अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग डॉ. ओम प्रकाश बैरवा ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जन आधार योजनाओं को लागू करते हुए कहा था
कि इसका मूल उद्देश्य एक नंबर, एक कार्ड और पहचान होगा. डॉ. बैरवा ने कहा
कि अब जन आधार कार्ड को राशन कार्ड के रूप में इस्तेमाल करने और किताब जैसे राशन कार्ड को खत्म करने जा रहे हैं
यह कार्य राज्य के तीन विभागों, योजना विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
तथा सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि तीनों विभागों के समन्वय एवं नियोजन सचिव नवीन जैन खाद्य एवं नागरिक
आपूर्ति विभाग के प्रयासों के कारण खाद्य सुरक्षा अधिनियम एनएफएसए के सभी राशन कार्ड धारक परिवारों
की सूचनाओं का मानचित्रण का कार्य राज्य में राशन कार्ड चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। डॉ. बैरवा ने
कहा कि चार चरण के इस अभियान का तीसरा चरण लगभग पूरा होने की ओर है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में किया था ऐलान, प्रथम चरण में राजस्थान के 59 ग्रामीण प्रखंडों एवं 36 नगरीय क्षेत्रों में प्रायोगिक आधार पर डाटा को अद्यतन कर परियोजना को क्रियान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है।