REET की CBI जांच की मांगः BJP प्रदेशाध्यक्ष पूनियां का तंज- डोटासरा बोले थे परीक्षा गिनीज बुक में दर्ज हो सकती है‚अफसोसǃ इसकी धांधली ने प्रदेश को शर्मसार किया

Satish Poonia का गहलोत सरकार से सवाल: राजीव गांधी स्टडी सर्कल के प्राइवेट लोगों को REET EXAM में समन्वयक क्यों बनाया गया। जिन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है। बोर्ड अध्यक्ष जारोली ने बर्खास्तगी से पहले कहा कि सब कुछ राजनीतिक संरक्षण में हुआ है।
REET की CBI जांच की मांगः BJP प्रदेशाध्यक्ष पूनियां का तंज- डोटासरा बोले थे परीक्षा गिनीज बुक में दर्ज हो सकती है‚अफसोसǃ इसकी धांधली ने प्रदेश को शर्मसार किया

Reet Paper Leak मामले की CBI जांच की मांग को लेकर बीजेपी आज राजस्थान विधानसभा का घेराव करेगी। प्रदेश अध्यक्ष Dr. Satish Poonia, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, भाजपा विधायक व सांसद भी विधानसभा मार्च में शामिल होंगे।

घेराव के दौरान पार्टी के विभिन्न फ्रंट सेल के कार्यकर्ता भी मौजूद रहेंगे। धरना दोपहर करीब 12.15 बजे भाजपा मुख्यालय से शुरू होगा। पार्टी इसे बड़े विरोध के तौर पर करने जा रही है। जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री आज सदन में अपनी बात रखेंगे। उस दौरान बीजेपी ने मामले में सदन में भी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।
<div class="paragraphs"><p>REET परीक्षा रद्द होने के बाद केंद्रीय एजेंसी सीबीआई से जांच की एक सूत्री मांग की जा रही है। क्योंकि एसओजी की एक सीमा होती है। वह प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है। -&nbsp;Satish Poonia</p></div>

REET परीक्षा रद्द होने के बाद केंद्रीय एजेंसी सीबीआई से जांच की एक सूत्री मांग की जा रही है। क्योंकि एसओजी की एक सीमा होती है। वह प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है। - Satish Poonia

CBI जांच जरूरी, क्योंकि SOG की एक सीमा होती है
BJP के प्रदेश अध्यक्ष Satish Poonia पूनिया का कहना है कि REET परीक्षा रद्द होने के बाद केंद्रीय एजेंसी सीबीआई से जांच की एक सूत्री मांग की जा रही है। क्योंकि एसओजी की एक सीमा होती है। वह प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस सरकार नहीं मान रही है। REET भर्ती मामले में 2 अक्टूबर 2021 को पूर्व शिक्षा मंत्री का बयान आया था कि विपक्ष और बीजेपी की जनता बेवजह इस मामले को अहमियत दे रही है, भर्ती पूरी तरह पारदर्शी तरीके से की गई है, कोई कागज लीक नहीं किया गया है। बल्कि इस परीक्षा का नाम गिनीज बुक में दर्ज किया जा सकता है। लेकिन यह अफ़सोस की बात है कि इस पूरे प्रकरण से राजस्थान शर्मसार और कलंकित हो गया है। इस तरह की संगठित नकल राज्य में कभी नहीं हुई। बेरोजगारों के अधिकार सीधे तौर पर छीने गए हैं।

बीजेपी का विधान सभा घेराव

पूनिया ने कहा कि REET मामले में उदयपुर के एक युवक की इसलिए हत्या कर दी गई क्योंकि उसने REET में पास होने के लिए कोचिंग संचालक को पैसे दिए थे। कोचिंग संचालक ने उसे मार डाला। टोंक जिले के लोकेश मीणा की आत्महत्या और उससे जुड़े तथ्यों की अगर ठोस तरीके से जांच की जाए तो कई लोग इस आग की चपेट में आ जाएंगे।

इधर संयम लोढा ने किया सरकार का बचाव

राजीव गांधी स्टडी सर्कल के प्राइवेट लोगों को REET परीक्षा में समन्वयक क्यों बनाया गया। जिन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है। बोर्ड अध्यक्ष जारोली ने बर्खास्तगी से पहले कहा कि सब कुछ राजनीतिक संरक्षण में हुआ है।

3 साल में 1 लाख लोगों को सरकार ने रोजगार कैसे दे दिया
2022-23 के लिए राज्यपाल के अभिभाषण में बताया गया कि 1 लाख से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं और 94 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। सरकार को बताएं कि उसने 3 साल में 1 लाख लोगों को कैसे रोजगार दिया? इस पर राज्य सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है।
पूनिया का आरोप: परीक्षाओं में 70 लाख बेरोजगार शामिल हुए, लेकिन 48,000 लोगों को नौकरी मिली
पूनिया ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेताओं ने अपने भाषणों और सार्वजनिक घोषणा पत्र में कहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो हम राजस्थान के लाखों बेरोजगारों को रोजगार देंगे। विभिन्न परीक्षाओं में 70 लाख बेरोजगार शामिल हुए। केवल 48,000 लोगों को नौकरी मिली है। पिछले 3 बजट में कुल 1 लाख 78 हजार रिक्तियों को हटाने की घोषणा की गई थी। इनमें से 3 साल में राज्य सरकार ने कुल 67 हजार 429 पदों पर भर्ती की। जिसमें REET लेवल-2 का पेपर रद्द होने के बाद 50 हजार वैकेंसी बची हैं।
15 से अधिक भर्तियां प्रशासनिक व अन्य कारणों से रद्द कर दी गई तो फिर...
3 साल में जेईएन, लाइब्रेरियन, कांस्टेबल, रीट, एसआई, पटवारी समेत कई भर्तियां पेपर आउट होने के कारण रद्द हो गईं या कोर्ट में लंबित हैं। 15 से अधिक भर्तियां प्रशासनिक व अन्य कारणों से रद्द कर दी गई हैं तो सवाल तो उठेगा कि आखिर सरकार ने 3 साल में कैसे एक लाख लोगों को रोजगार दे दिया।
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