नफरत का जहर उगलने वाला दरगाह का निजाम गौहर चिश्ती जिसने दरगाह के गेट से विवादित और भड़काऊ बयान देने वाला व 'सर तन से जुदा' नारे लगाने वाला गौहर चिश्ती को हैदराबाद से गिरफ्तार से किया गया है।
इस निजाम ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की थी। मुस्लिम समुदाय की ओर से अजमेर में 17 जून को निकाली गई मौन रैली से कुछ ही समय पहले गौहर चिश्ती ने विवादित बयान और नफरत फैलाने वाले नारे लगवाए थे। गौहर के खिलाफ 8 दिन बाद अल्पसंख्यक समुदाय ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। उसी समय से गौहर चिश्ती फरार था और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी।
26 जून को हिंदू समाज की ओर से जुलूस निकाला गया। इसी दिन अलवर गेट थाने में नूपुर शर्मा के समर्थन में नारेबाजी करने का मामला दर्ज किया गया था। बाद में 17 जून को दरगाह थाने में गौहर चिश्ती व उनके साथियों के खिलाफ विवादित,भड़काऊ भाषण व नारेबाजी के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस घटना के बाद से गोहर चिश्ती फरार था। पूर्व में ही उसके दो साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
दरगाह अधिकारियों ने कहा-गौहर चिश्ती का नाम तब ज्यादा चर्चा में आया जब कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपितों को पुलिस ने पकड़ लिया था। कन्हैया लाल के हत्यारों से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह भीम के रास्ते अजमेर आ रहा था, लेकिन रास्ते में ही पकड़ लिया गया। माना जा रहा है कि उदयपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद के सहयोगी रियाज के संपर्क अजमेर में थे। बताया जा रहा है कि रियाज की मुलाकात गौहर चिश्ती से अजमेर में हुई थी।
गौहर चिश्ती की गिरफ्तारी से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। गौहर चिश्ती भी कन्हैया लाल हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए के रडार पर थे। एनआईए गौहर चिश्ती के पीएफआई के साथ उसके संबंध के अलावा कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी के साथ संबंधों की जांच कर रही है।