NPS-OPS: पैसा देने से मनाकर केंद्र ने गहलोत सरकार को उलझाया, क्या OPS पर फंसेगा पेच?

राजस्थान सरकार ने बजट घोषणा में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की घोषणा तो कर दी लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जयपुर प्रवास के दौरान साफ कर दिया कि सरकार एनपीएस का पैसा राज्य सरकारों को नहीं देगी।
NPS-OPS: पैसा देने से मनाकर केंद्र ने गहलोत सरकार को उलझाया, क्या OPS पर फंसेगा पेच?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट घोषणा में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस शुरू करने की घोषणा की थी। राजस्थान सरकार ने इस घोषणा के माध्यम से देशभर के कर्मचारियों के बीच सुर्खी बटोरने का काम किया था लेकिन केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने जयपुर प्रवास के दौरान बयान देकर इस पर पानी फेर दिया।

पुरानी पेंशन योजना के केंद्र के पास जमा 45,000 करोड़ रुपए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जारी करने से साफ मना कर दिया है। वित्त मंत्री ने अपने जयपुर प्रवास के दौरान कहा कि पेंशन नियमों और शर्तों के अनुसार कर्मचारियों का पैसा वापस नहीं दिया जाएगा।

रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को मिलेगा पैसा

राज्य सरकारों द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के सवाल पर जवाब देते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीएस का पैसा राज्य सरकारों को देने से साफ इनकार कर दिया है। वित्त मंत्री का कहना है कि कोई राज्य अगर किसी कारण से यह फैसला लेता है कि एनपीएस का फंड है वो इकट्ठा दे देना चाहिए तो वह नहीं मिलेगा।

वह पैसा कर्मचारी का है और कर्मचारी जमा पैसे पर ब्याज कमा रहा है। वह पैसा रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के हाथ में ही आएगा। कर्मचारियों का इकट्ठा पैसा राज्य सरकार के हाथ नहीं आएगा। सही समय आने पर यह पैसा कर्मचारी को दिया जाएगा।

पेंशन का भार, अगली पीढ़ी पर भारी

केंद्रीय आर्थिक मामलों के सचिव विवेक जोशी ने इसे ओपीएस अनफंडेड स्कीम बताते हुए कहा कि सरकार अपनी देनदारियों के भार को आगे के लिए टाल रही है। जिससे दूसरी सरकारों पर भार नहीं पड़े। आज जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनकी पेंशन का भार अगली पीढ़ी पर पड़ेगा। इस भार को भविष्य के लिए शिफ्ट किया जा रहा है।

केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथ ने क​हा कि ओपीएस लागू करने के बाद राज्य एनपीएस फंड का पैसा वापस मांग रहे हैं। वह पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं दिया जा सकता।

खुद का पैसा हो तब करें राज्य फ्री स्कीम की घोषणा

राज्य सरकारों की ओर से मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी जैसी सरकारी योजनाएं चलाये जाने पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों सरकार को वित्तीय स्थिति ठीक होने पर ही ऐसी मुफ्त योजनाएं चलायी जानी चाहिए। बजट में मुफ्त योजनाओं का प्रावधान तभी करें जब सरकारों के पास खुद का पैसा हो।

वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि अगर प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो बजट में भी मुफ्त योजनाओं का प्रावधान नहीं होना चाहिए। नि:शुल्क योजनाओं के प्रस्ताव जारी कर उन्हें पूरा करने के लिए राज्यों द्वारा कर्ज लिया जा रहा है, जो ठीक नहीं है।

सीतारमण ने आगे कहा कि ऐसी योजनाएं लाने के लिए राज्यों को अपने संसाधनों से फंड जुटाने के साथ-साथ करों से राजस्व बढ़ाएँ। मुफ्त की योजनाओं के लिए राज्य अपना बोझ किसी और पर डाल रहा है, यह गलत है।

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