
Rajasthan Budget: 10 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023 का राज्य बजट घोषित किया। बजट में प्राय: हरवर्ग के लिए कई लोकलुभावन घोषणाएं कर खूब वाहवाही भी लूटी, लेकिन गत वर्ष की कुछ अधूरी घोषणाएं अब तक पूरी नहीं होने से नई घोषणाएं भी संदेह के घेरे में हैं। वर्ष 2022 के बजट में की गई घोषणाओं में से दो घोषाओं का उल्लेख इस खबर में हम कर रहे हैं, इसमें महिलाओं को स्मार्टफोन देने की घोषणा भी शामिल है।
यदि यह घोषणा इस साल भी पूरी नहीं हुई तो इसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है। कांग्रेस के कई जनप्रतिनिधि खुद इसका अंदेशा सरकार के सामने जता चुके हैं। दूसरी घोषणा कोटा विकास प्राधिकरण गठन की थी। यह भी अब तक पूरी नहीं हो सकी है। Since Independence पर जानें ये वादे पूरे करना सरकार के लिए क्यों है जरूरी?
राजस्थान की 1.35 करोड़ महिलाएं फ्री स्मार्टफोन और 3 साल के फ्री इंटरनेट कनेक्शन का इंतजार कर रही है। सरकार ने महिलाओं को यह सौगात देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक महिलाओं को स्मार्टफोन नहीं मिला है।
मार्च-2022 में पेश किए गए बजट में सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना (MDSS) के तहत यह घोषणा की थी। चिरंजीवी योजना के तहत रजिस्टर्ड प्रत्येक घर की महिला सदस्य (18 वर्ष से ऊपर आयु बीपीएल-गैर बीपीएल सभी) को एक स्मार्टफोन और उसके साथ तीन साल के लिए फ्री-इंटरनेट कनेक्शन दिया जाएगा।
इसके लिए कुल 3500 करोड़ रुपए राज्य सरकार को खर्च करने थे, हालांकि इसमें बजट आवंटन नहीं किया गया था। मुफ्त की यह योजना अभी तक धरातल पर उतरने से बहुत दूर है। न तो सरकार ने स्मार्ट फोन की खरीद की है, न ही किसी मोबाइल कम्पनी से सैट या इंटरनेट कनेक्शन को लेकर कोई करार हुआ है।
अब कांग्रेसी कार्यकर्ता जहां भी जनता के बीच जाते हैं, तो उन्हें चिरंजीवी योजना के बारे में तो अच्छा फीडबैक मिलता है, लेकिन लोग उन से मोबाइल फोन की मांग भी कर रहे हैं।
राज्य सरकार की 2022 की बजट घोषणाओं में सीएम गहलोत ने कोटा और उदयपुर में विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की थी। लेकिन 11 माह बाद भी कोटा नगर विकास न्यास को इसे बनाने का अध्यादेश जारी नहीं किया गया है।
कोटा में विकास कार्यों की बौछार हो रही है, जगह-जगह विकास कार्य चल रहे हैं, हजारों करोड़ के कार्य कोटा में हो चुके हैं और होने बाकी भी हैं। ऐसे में सरकार की बजट घोषणाएं क्रियान्वित तो हो रही हैं, लेकिन कुछ ऐसे बड़े प्रोजेक्ट भी हैं जो अधरझूल में हैं। इसमें कोटा को पूर्व के बजट में मिली थी सबसे बड़ी सौगात भी शामिल है जो अधूरी पड़ी है।
कोटा और उदयपुर को विकास प्राधिकारण बनाए जाने के लिए सरकार ने करीब 11 माह पहले घोषणा की थी, जो अभी तक अमल में नहीं लाई जा सकी है, जिससे बड़े नुकसान कोटा को भुगतने पड़ रहे हैं।