Rajasthan Congress: राजस्थान में आज गुरुवार को एक ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट पर अपना जवाब देंगे वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए आलाकमान को अपना संदेश देते हुए आगाह किया। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि पिछले साल जयपुर में पार्टी विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में भाग नहीं लेकर तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश की अहवेलना करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में अत्यधिक विलंब हो रहा है। अगर राज्य में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा बदलनी है तो कांग्रेस से जुड़े मामलों पर जल्द फैसला करना होगा।
पायलट ने राजस्थान में 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक बुलाने के लिए जिम्मेदार मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ पर अब तक कार्रवाई नहीं होने की बात कहकर इस मुद्दे को फिर उछाल दिया है। लेकिन इस बार सचिन पायलट ने तीनों नेताओं पर जल्द निर्णय के साथ ही कांग्रेस आलाकमान से 81 इस्तीफे किसके दबाव, धमकी या लालच में हुए थे, इसकी भी जांच करने की मांग की है।
पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले तीन नेताओं को चार महीने पहले दिए गए कारण बताओ नोटिस का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेतृत्व ही इसका सही जवाब दे सकते हैं। वे ही बता सकते हैं कि मामले में निर्णय लेने में अप्रत्याशित विलंब क्यों हो रहा है।
पायलट ने बताया कि विधायक दल की बैठक 25 सितंबर को मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई थी, लेकिन यह बैठक नहीं हो सकी। सचिन पायलट ने कहा कि बैठक में जो भी होता वो अलग मुद्दा था, लेकिन बैठक नहीं होने दी गई। जो लोग बैठक नहीं होने देने और समानांतर बैठक बुलाने के लिए जिम्मेदार थे उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस दिया गया।
उन्होंने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली कि इन नेताओं ने नोटिस के जवाब दे दिए। लेकिन जवाब के बाद भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तरफ से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि एके एंटनी के नेतृत्व वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति, कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी नेतृत्व ही इसका सही जवाब दे सकते हैं, लेकिन निर्णय लेने में ज्यादा विलंब हो रहा है।
सचिन पायलट ने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वित्तीय साल 2023-24 का बजट पेश हो चुका है। पार्टी आलाकमान की ओर से कई बार कहा गया है कि वह फैसला करेंगे कि आगे कैसे बढ़ना है। पायलट ने कहा कि राजस्थान में पिछले 25 साल से जो परंपरा चली आ रही है, उसको बदलना पड़ेगा। राजस्थान में अगर फिर से कांग्रेस की सरकार लानी है तो कांग्रेस आलाकमान को जल्द फैसला करना होगा।
सचिन पायलट ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर भी कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान में आक्रामक ढंग से प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को अब मैदान पर उतरकर कार्यकर्ताओं को लामबंद करना होगा ताकि हम लड़ाई के लिए तैयार रहें।
गौरतलब है कि प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक एवं पीएचईडी मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को उस समय नोटिस जारी किए गए थे। जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे के विधायक 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे और पार्टी के किसी भी कदम के खिलाफ धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की थी।