राजस्थान के दो जिलों में अब कोरोना का संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड हो गया है। यहाँ पिछले 6 दिनों (1 से 6 जनवरी तक) का औसत संक्रमण दर 6 प्रतिशत को पार कर गया है। वहीं, 5 जिले ऐसे भी हैं, जहां अब कोरोना खतरा बन गया है। इन जिलों में संक्रमण की दर 3 फीसदी के करीब पहुंच गई है। इधर, उदयपुर आईआईएम में 15 छात्र पॉजिटिव आए हैं। इनमें से 13 छात्रों में तो कोरोना के कोई लक्षण भी नहीं हैं। जबकि 2 छात्रों को हल्की सर्दी-जुकाम है।
आईआईएम प्रबंधन ने कोविड रिपोर्ट आने के बाद पॉजिटिव आए छात्रों को आइसोलेट कर दिया है। इन छात्रों को क्वारेंटाइन क्लस्टर बनाकर अलग कमरे दिए गए हैं। प्रत्येक छात्र के लिए एक अलग कमरा प्रदान किया गया है। इसके साथ ही उन्हें अब पैकेज्ड फूड दिया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय के 44 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी भी पॉजिटिव आए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, WHO का मानना है कि जब तक किसी देश या राज्य में कोरोना की संक्रमण दर 3 प्रतिशत से कम है, तब तक इसे नियंत्रण में माना जाता है, यानी इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जब संक्रमण दर इससे ऊपर चली जाती है तो माना जाता हैं कि कोरोना अब बेकाबू होता जा रहा है। वहीं, यदि संक्रमण की दर 5 फीसदी के पार चली जाती हैं तो माना जाता हैं कि यह कम्युनिटी स्प्रेड होने लगा है। ऐसे में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना काफी मुश्किल हो जाता है कि व्यक्ति में यह संक्रमण कहां से आया। इस स्तिथि में कोरोना को बेकाबू माना जाता हैं।
राजस्थान में जयपुर और जोधपुर ऐसे जिले हैं, जहां कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है। यहां पिछले 6 दिनों से औसत संक्रमण दर 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। जयपुर में औसत दर 8.03 प्रतिशत और जोधपुर में यह दर 6.26 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जबकि राज्य में समग्र औसत दर अभी भी 2.82 प्रतिशत है।
प्रदेश में जयपुर, जोधपुर के अलावा अब अलवर, अजमेर, कोटा, भरतपुर और बीकानेर में भी खतरा मंडराने लगा है। यहां पिछले 6 दिनों से कोरोना संक्रमण की औसत दर 2.5 से 3 फीसदी के बीच पहुंच गई है। जिलेवार स्थिति देखें तो औसत संक्रमण दर अलवर में 2.85, अजमेर में 2.53, कोटा में 2.46, भरतपुर में 2.46 और बीकानेर में 2.67 प्रतिशत है।
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