मंत्री पुत्र जेल से बाहर, किसान नेता ने कहा - बिना सुने दे दी जमानत, अब बाहर है और जोर से होगा उनका विरोध

हालांकि आशीष मिश्र को बेल मिलने के बाद अब सवाल उठने लगे है. इस मामले को संभाल रहे भारतीय किसान यूनियन के किसान नेता बलजिंदर मान ने एक समाचार पत्र को बताया कि सुनवाई के समय जब किसानों के वकील की बोलने की बारी आई तो इंटरनेट कनेक्शन कट गया.
आशीष मिश्रा

आशीष मिश्रा

लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी उत्तरप्रदेश के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को गुरुवार को जमानत मिल गई. उन्हे इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेल दे दी. लेकिन कहा जा रहा है की प्रकिया पूरी होने के लगभग 5 दिन के बाद आशीष जेल से बाहर आ सकेंगे. सबसे ताज्जुब की बात ये है की लखीमपुर खीरी में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोटिंग होनी है. तब तक आशीष मिश्र जेल से बाहर होंगे.

हालांकि आशीष मिश्र को बेल मिलने के बाद अब सवाल उठने लगे है. इस मामले को संभाल रहे भारतीय किसान यूनियन के किसान नेता बलजिंदर मान ने एक समाचार पत्र को बताया कि सुनवाई के समय जब किसानों के वकील की बोलने की बारी आई तो इंटरनेट कनेक्शन कट गया. सुनवाई ऑनलाइन हुई, इसलिए एक तरफा बात सुनकर ही आशीष की बेल एप्लीकेशन को मंजूरी दी गई. किसान नेता का कहना है कि री-हियरिंग के लिए एप्लीकेशन दी गई है साथ ही तुरंत आगे की रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया गया है. अब देखना होगा की आगे किसान नेता कैसी चाल चलते है.

ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए क्या ये है बीजेपी का गेम प्लान ? –

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा में पीड़ित परिवार चार्जशीट दाखिल होने से कुछ हद तक ही खुश हुए थे. फिलहाल किसान संगठन इस फैसले पर अपनी आगे की रणनीति पर काम कर रहे है.

लखीमपुर के किसान नेता अमन संधु का कहना है
जैसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव खत्म हुए, वैसे ही अजय टेनी के बेटे को जमानत दे दी गई. क्या इसकी बड़ी वजह राज्य में बाकी जगहों पर होने वाले चुनाव में ब्राह्मण वोट को साधना है.
किसान नेता गुरप्रीत सिंह का कहना है
आशीष टेनी के बाहर आने से भाजपा ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है, बल्कि यह बहुत बुरी तरह से भाजपा को भारी पड़ने वाला है.

पीड़ित परिवार का कहना है SIT की जांच रिपोर्ट तो एक दिखावा

लखीमपुर हिंसा में मारे गए पीड़ित परिवार अजय मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. लेकिन हुआ इसका उलटा अदालतन ने आशीष को जमानत दे दी.

पीड़ित परिवार का कहना है
SIT की जांच रिपोर्ट तो एक दिखावा है. वह पहले से जानते थे कि इस जांच का कुछ नतीजा नहीं निकल पाएगा.

आशीष मिश्रा का अब और तेजी से होगा विरोध – रामदुलारे, रमन कश्यम के पिता

तिकुनिया हिंसा में पत्रकार और किसान रमन कश्यप की जान चली गई थी. आपको बता दे की रमन कश्यप के घर पर लगभग दस सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा है. रमन के फादर रामदुलारे का कहना है कि आशीष के बाहर आने से कोई फर्क नहीं पड़ता, उनके बाहर आने के बाद अब उनका विरोध और तेजी से किया जाएगा.

उनके साथ इसी हिंसा में जान गंवाने वालों में गांव भगवंत नगर के 19 साल के लवप्रीत सिंह भी थे.

उनके परिवार का कहना है
उन्हे न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही. वह SIT की जांच रिपोर्ट को चुनावी प्रोपेगैंडा बताते हैं.
लवप्रीत सिंह की मां सतनाम कौर कहती हैं
, 'जब तक टेनी को पद से उतारा नहीं जाता है तब तक यह मां ऐसे बैठेगी नहीं'

5 हजार पन्नों दाखिल हुई थी आशीष के खिलाफ चार्जशीट

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे के खिलाफ कुल 5 हजार पन्नों की चार्जशीट पेश हुई थी. इस चार्जशीट को आशीष मिश्रा के खिलाफ पुख्ता सुबूत माना जा रहा था.

अहम पाइंट

1. कुल 5 हजार पन्नों की चार्जशीट है.
2. 208 कुल गवाह, जिनमें से 99 गवाहों के 164 बयान हुए दर्ज.
3. गवाहों ने बताई आरोपियों की मौजूदगी घटनास्थल पर.
4. बैलिस्टिक रिपोर्ट में आरोपियों के वेपन में पाया गया नाइट्रेट.

5. चार्जशीट में लिखा है कि सुबह 2.35 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक सभी आरोपियों की लोकेशन हिंसा स्थल पर थी.
6. हिंसा स्थल पेट्रोल पंप से 200 मीटर दूरी पर है. ये पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में सामने आया.

7. कुल आरोपी 17, इनमें से तीन की मौत हो गई है. वहीं एक आरोपी वीरेंद्र शुक्ला के खिलाफ IPC की धारा 201 के तहत मुकद्दमा चलेगा. वीरेंद्र शुक्ला मंत्री टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का साला है. उन पर स्कॉर्पियो गाड़ी छिपाने का आरोप तय हुआ, क्योंकि इसकी सजा 7 साल से कम है इसलिए SIT ने इसे 41 का नोटिस देकर छोड़ दिया

क्या हुआ था लखीमपुर में ?

लखीमपुर जिला मुख्यालय से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में दिनांक 3 अक्टूबर 2021 को दोपहर करीब तीन बजे वहां किसान काफी संख्या में एकत्रित होकर विरोध कर रहे थे, तभी अचानक तीन गाड़ियां (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) किसानों को रौंदते हुए चली गईं. इस पर घटना से आक्रोशित किसानों ने काफी हंगामा किया. हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई. जिसमें 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल हैं.

आपको बता दे की यह घटना तिकुनिया में आयोजित एक दंगल कार्यक्रम में UP के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई. घटना के बाद राज्य के उप-मुख्यमंत्री ने अपना कार्यक्रम कैंसल करना पड़ा. आरोप ये भी है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने विरोध करने वाले किसानों को कुचला.

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