रविवार को यूपी के चंदौली (Chandauli) में हिस्ट्रीशीटर की बेटी की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। यूपी पुलिस पर आरोप लगा है कि वह गैंगस्टर कन्हैया यादव (Kanhaiya Yadav) के घर दबिश के लिए गई और अपराधी के नहीं मिलने पर परिवार के लोगों के साथ मारपीट की। इस मारपीट में हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव की एक बेटी की मौत (Chandauli death) हो गई। इस आरोप के साथ ही यूपी पुलिस एक बार फिर सवालों के कटघरे में आ गई है। पुलिस ने घटना पर कार्रवाई करते हुए इलाके के SHO को निलंबित कर दिया और आरोपी पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने के आदेश दिए।
घटना पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि योगी सरकार ने पुलिस को यूपी में खुलेआम कुछ भी करने की छूट दे रखी है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज मोहनलालगंज में कहा कि पुलिस ने जाति के आधार पर इस घटना को अंजाम दिया है। चंदौली (Chandauli) में पुलिस ने जानबूझकर घर उस घर पर छापा मारा है जहां कोई भी नहीं था। जब पुलिस को कोई नहीं मिला तो उन्होंने बहन को बुरी तरह से मारा। अखिलेश यादव का कहना है कि इस घटना में पुलिस के खिलाफ 302 के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
केशव मौर्य ने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि इस समय अखिलेश यादव बौखलाए हुए हैं। अगर कोई पुलिसवाला गलत करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। लेकिन अपराधियों को पकड़ने के लिए अगर कोई पुलिस गई है, और पुलिस के जाने के बीच में इस प्रकार की घटना हुई है, तो यह दुखद है।
मैं इस घटना पर दुख व्यक्त करता हूं और परिजनों को सांत्वना देता हूं। इस घटना की निष्पक्ष तरीके से जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सभी आरोपियों को सजा दी जाएगी।
मंगलवार को मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई, पर इस रिपोर्ट ने यह मामला उलझा कर रख दिय है। रिपोर्ट के अनुसार मृतक निशा की मौत पिटाई के कारण नहीं बल्कि कुछ गलत खाने से हुई है।
पोर्टमार्टम रिपोर्ट में लिखा है कि मृतक के शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं मिले हैं, इस तरह से तो यह मामला सुसाइड का लग रहा है। वहीं दूसरी ओर परिवार इस बात पर अड़े है कि निशा की मौत पुलिसवालों की पिटाई के कारण ही हुई है।