अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दुनिया भर में इनकी ख्याति लगातार बढ़ती जा रही है। यहीं वजह है कि देश ही नहीं विदेशों में भी इस मूर्ति की मांग हो रही है।
इसी के साथ ही पहली रामलला की प्रतिमा नीदरलैंड के हनुमान मंदिर में लगाई जाएगी। रामलला की ये प्रतिमा काशी में खासतौर पर तैयार की गई है। ये प्रतिमा अयोध्या में पूजा के बाद नीदरलैंड में स्थापित की जाएगी।
बता दें कि काशी में 5.10 फीट की रामलला की प्रतिमा दो माह में बनकर तैयार हुई है। इस मूर्ति को वाराणसी के ढेलवरिया स्थित मूर्ति कारखाने में कन्हैयालाल शर्मा ने अपने 10 सहयोगियों के साथ मिलकर इस मूर्ति का निर्माण किया है।
यह प्रतिमा अयोध्या में स्थापित श्रीरामलला की ही प्रतिरूप है, जोकि ब्लैक ग्रेनाइट से तैयार की गई है।
शिल्पकार कन्हैया ने बताया कि अयोध्या में रामलला की प्रतिमा स्थापित होने के बाद हमारी इच्छा थी की वैसी ही प्रतिमा बनाएं। इसी बीच रामलला की प्रतिमा बनाने का ऑर्डर मिल गया।
इसके बाद वो अपने 10 सहयोगियों के साथ मिलकर मूर्ति बनाने में जुट गए और दो महीने में अंतिम रूप दे दिया।
गौरतलब है कि नीदरलैंड, हनुमान मंदिर के स्वामी अखंड सम्राट आनंद महाराज के सानिध्य में विश्व के कई देशों में श्रीरामलला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसमें नीदरलैंड के बाद जर्मनी, इटली, अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों शामिल है।
कन्हैयालाल शर्मा की तीन पीढ़ियां मूर्ति बनाने के काम में लगी हुई हैं। उनके दादा महादेव प्रसाद बड़े मूर्तिकार थे। उन्होंने इंडिया गेट पर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा, जॉर्ज पंचम, दरभंगा नरेश आदि की प्रतिमाएं बनाई हैं।
कन्हैयालाल के पिता ओंकारनाथ ने भी इस विरासत को संभाला। कन्हैयालाल ने इंग्लैंड की महारानी के अलावा अन्य विदेशियों की प्रतिमाएं भी बनाई हैं।