
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के रेहरा बाजार थाना क्षेत्र में एक महिला ने जबरन धर्मांतरण और एक धार्मिक स्थल को अपवित्र करने का आरोप लगाते हुए एक समुदाय विशेष की तीन महिलाओं समेत सात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
स्थानिय अधिकारियों के अनुसार तीनों आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस में सोमवार को एक महिला ने सात लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम-2021 के तहत शांति भंग करने व आपराधिक धमकी समेत अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराया है, जिसमें से तीन महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया है।
धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम-2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण कराने पर सख्त सजा का प्रावधान है। महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के अवैध धर्म परिवर्तन पर दो साल से लेकर 10 साल तक की कैद हो सकती है। वहीं अगर कोई सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन करता है तो उसे 10 साल की सजा और 50 हजार के जुर्माने का प्रावधान है। इसी तरह अगर कोई संस्था ऐसा करती है तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है।
पुलिस के मुताबिक, महिला ने अपने परिवार वालों के साथ गाली-गलौज और धमकी देने का वीडियो जारी किया है। पुलिस ने बताया कि यह वीडियो मई 2022 का है, जिसके संबंध में उस वक्त कार्रवाई भी की गई थी।
जाफराबाद की रहने वाली दीपा निषाद ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मोहल्ले के एक पड़ोसी अमीरजादे और उसके घर की तीन महिलाओं- शहजादी, मोहरमा, साहिबा और अन्य ने पहले उसके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की थी।
पुलिस के मुताबिक दीपा का यह भी कहना है कि आरोपी परिवार की महिलाएं आकर उनके घर के अंदर बने मंदिर में थूकती हैं और कहती हैं कि तुम्हारा मंदिर अशुद्ध हो गया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश कुमार सक्सेना ने बताया कि पुलिस ने इस सिलसिले में सोमवार को सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए तीन आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि बाकी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एसपी के मुताबिक पीड़िता द्वारा जारी किया गया वीडियो मई 2022 का है, जिस पर पुलिस कार्रवाई कर चुकी है।