बसपा के पूर्व MLC हाजी इक़बाल का नाम सामने आने के साथ ही खनना माफिया का चेहरा दिमाग में घूमने लगता है। तो चलिए आज आपको बताते है कौन था हाजी इकबाल, कैसे इसने परचून के दुकान से शुरू किया था सफर।
दरअसल खनन माफिया के खिलाफ महिला उत्पीड़न , धोखाधड़ी और सरकारी सम्पत्तियों पर कब्ज़ा करने समेत कई ऐसे आपराधिक मामले दर्ज है।
प्रशासन ने इक़बाल के ऊपर 1 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया है। खनन माफिया ने अपना सफर एक परचून की दुकान से शुरू किया था और कुछ समय बाद करोड़ो की संपत्ति का मालिक बन गया।
जब उसकी पोल खुलना शुरू हुई तो पूरे शहर में हड़कंप मच गया। ये सब शुरू हुआ 2017 से जब योगी आदित्य नाथ सत्ता में आये। 2018 में हाजी इक़बाल के खिलाफ कार्रवाई बैठाई गई।
बता दें कि पूर्व MLC की लगभग सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। फ़िलहाल हाजी इक़बाल देश छोड़कर फरार हो चुका है ।
ऐसा बताया जाता है कि इकबाल जंगलों से चोरी की लकड़ी काटकर बेचा करता था। इसी के दौरान हाजी इक़बाल ने खनन का कार्य शुरू कर दिया और फिर पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।
धीरे-धीरे खनन का सबसे बड़ा माफिया बन गया। सूत्रों के अनुसार शुरू से ही बसपा में रहकर मायावती का सबसे खास रहा।
ऐसा कहा जाता है कि खनन में मायावती की भी बराबरी की साझेदारी थी। वहीं सपा कार्यकाल में भी खनन का कारोबार इक़बाल के पास ही रहा।
इसके बाद मिर्ज़ापुर के लोगों से कम दामों में कई हज़ार बीघे जमीन खरीदकर सहारनपुर में ग्लोकल यूनिवर्सिटी बनवाई।
मामला तब चर्चा में आया जब बसपा शासनकाल में उसने सारी चीनी मिले ख़रीद ली। बात तब बढ़ गई। जब गोरखपुर की मिल इक़बाल ने बहुत कम दाम में खरीद ली।
इसको लेकर योगी आदित्यनाथ धरने पर बैठ गए और उनकी मांग थी की किसानों के साथ गलत हो रहा है। उस दौरान इकबाल की प्रशासन में पकड़ हुआ करती थी। उसने प्रशासन का सहारा लेते हुए, वहां धरने में प्रदर्शन कर रहें सभी लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज करवा दिया।
इसके साथ ही अपराध दिन पर दिन बढ़ता ही चला गया और फिर 2017 में सरकार बनते ही योगी आदित्यनाथ ने इक़बाल के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी।
आज इक़बाल के सारे अवैध धंधे ख़त्म हो चुके है और सारी संपत्ति सरकार जब्त चुकी है। इक़बाल देश छोड़कर फरार है उसके तीनो बेटे, भाई और पूरा परिवार जेल की सलाखों के पीछे है।