केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को 20 यूट्यूब चैनल और 2 वेबसाइट पर बैन लगा दिया है। जांच में सामने आया है कि इन सभी का संचालन पाकिस्तान से किया जा रहा था। खुफिया एजेंसियों और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है। सरकार ने बताया कि पाकिस्तान से संचालित होने वाले ये चैनल और वेबसाइट भारत से जुड़े सेंसेटिव इश्यूज पर फर्जी यानि फेक न्यूज फैला रहे थे।
35 लाख सब्सक्राइबर्स का नेटवर्क, 55 करोड़ वीडियो व्यूज भी
केंद्र ने बताया है कि पाकिस्तान से संचालित होने वाले नया पाकिस्तान ग्रुप (एनपीजी) के पास यूट्यूब चैनलों का एक नेटवर्क है। कुछ यूट्यूब चैनल भी पाकिस्तानी न्यूज चैनलों के एंकर चला रहे थे। इसके अलावा कुछ अन्य YouTube चैनल भी हैं, जिनका NPG से कोई लेना-देना नहीं है। इन चैनलों के करीब 35 लाख सब्सक्राइबर और 55 करोड़ वीडियो व्यूज हैं।
ये चैनल कश्मीर, भारतीय सेना, माइनोरिटी, राम मंदिर जैसे मुद्दों पर गलत खबर चला रहे थे
केंद्र सरकार ने कहा कि ये यूट्यूब चैनल और वेबसाइट कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति, राम मंदिर और जनरल बिपिन रावत जैसे मुद्दों पर इंटरनेट पर फर्जी खबरें पोस्ट कर रहे थे। सरकार द्वारा प्रतिबंधित यूट्यूब चैनलों में द पंच लाइन, इंटरनेशनल वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकेड ट्रुथ नाम के चैनल और पोर्टल शामिल हैं।
इन यूट्यूब चैनल और पोर्टल पर बैन लगा
द पंच लाइन, इंटरनेशनल वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकेड ट्रुथ, न्यूज24, 48 न्यूज, फैंटेसी, हिस्टोरिकल फैक्ट, पंजाब वायरल, नया पाकिस्तान ग्लोबल, कवर स्टोरी, गो ग्लोबल, ईकामर्स, जुनैद हलीम ऑफिशियल, तैयब हनीफ, ज़ैन अली ऑफिशियल।
500 मिलियन से भी ज्यादा बार भारत में फेक कंटेंट दिखाया गया, किसान आंदोलन के फर्जी वीडियो भी चलाए
इनके कॉन्टेंट को भारत में 500 मिलियन से भी ज्यादा बार देखा जा चुका था। जांच में यह भी सामने आया है कि इन चैनलों ने किसानों के प्रोटेस्ट को लेकर फर्जी वीडियो चलाए थे। अधिकारियों ने कहा कि इन चैनलों और वेबसाइटों को बैन और ब्लॉक करने का फैसला 48 घंटे में इंटर डिपार्टमेंटल कमिटी (आईडीसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके बाद आईटी नियम, 2021 के तहत एक समिति द्वारा इसकी पुष्टि की जाएगी।
कुछ वीडियो अनुच्छेद 370, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तालिबान लड़ाकों के कश्मीर की ओर बढ़ने के बारे में
नए आईटी अधिनियम के तहत पहली बार आपात स्थिति में स्पेशल पावर का यूज करते हुए इन चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंधित चैनलों में से 15 'नया पाकिस्तान' समूह के स्वामित्व में हैं। इन चैनलों पर प्रकाशित कुछ वीडियो अनुच्छेद 370, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तालिबान लड़ाकों के कश्मीर की ओर बढ़ने के बारे में थे।