लखनऊ: बजट सत्र कि पहले स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड को बंद करने कि सरकार कि फैसले की वजह से कर्मचारियों कि बकाया वेतन और पेंशन से जुडी समस्या ख़त्म तो नहीं हुई मगर एक और समस्या आ गयी हैं जिसका सीधा अंजाम 1500 विक्रम चला कर दो जून की रोटी कमाने वाले गरीब चालकों पर पड़ने वाला हैं।
विक्रम चालक मुहम्मद खालिद ने बताया कि विक्रम सिर्फ स्कूटर्स इंडिया में बना करते थे। पुराने विक्रम का परमिट खत्म हो चूका है और अब नए विक्रम के साथ ही परमिट मिलाना संभव हो सकता है । नये विक्रम उपलब्ध न होने से परमिट भी रद्द हो जायेगा । परमिट के बिना न वहां चला सकेंगे न ही परिवार का पेट पाल सकेंगे ।मुहम्मद खालिद एकलौते नहीं हैं , उनके साथ साथ 1500 के करीब विक्रम चालक ऐसी डर से जूझ रहे हैं।
संभागीय परिवहन प्राधिकार के अधिकारियो ने विक्रम चालक राजेश के परमिट को ऑटो परमिट मे परिवर्तित कर के हजारो चालकों के लिए राहत का रास्ता देने की कोशिश की है। कानपुर के इस आदेश को देख कर लखनऊ के चालक भी ये मांग लखनऊ के अधिकारियो से कर रहे हैं।
विक्रम जहा ५ सीटर परमिट के साथ होता है वही ऑटो मे परमिट ३ सीटर का ही होता है। जिस वजह से विक्रम चालक आय मे कमी होने की नयी समस्या से दो चार होंगे।
आज बंद होने का आदेश भले जारी कर दिया हो मगर बताते चले की कभी यह फैक्ट्री मे सालाना ३५००० स्कूटरों का निर्माण होता था यहाँ तक कि कापिलदेव की कप्तानी मे विश्वकप जीतने कि बाद भारतीय क्रिकेट टीम को तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमावती नंदन बहुगुणा ने यहाँ बनने वाले विजय डीलक्स स्कूटर्स भेंट किये थे।