डेस्क न्यूज – राज्यसभा के लिए चुने गए 20 राज्यों की 62 सीटों से सदस्य आज यानी बुधवार को शपथ लेंगे उच्च सदन में विपक्ष के मुकाबले बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की शक्ति और ज्यादा बढ़ जाएगी, लेकिन अभी बहुमत हासिल करने के लिए उसे और इंतजार करना पड़ेगा,
केंद्र सरकार में भले ही किसी भी पार्टी की सरकार रही हो, लेकिन राज्यसभा में किसी के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं रहा, हालांकि 1990 से पहले तक राज्यसभा सदन में कांग्रेस का बहुमत होता था, क्योंकि अधिकांश राज्य में उसी की सरकार थी, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में स्थिति बिल्कुल बदल गई,
20 राज्यों की 62 सीटों से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं जिनमें हरियाणा की एक उपचुनाव वाली सीट भी शामिल है महाराष्ट्र से 7, तमिलनाडु से 6, हरियाणा से 3, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से दो-दो, ओडिशा से चार, बिहार और बंगाल से पांच-पांच, असम से तीन और एक प्रत्याशी हिमाचल प्रदेश से है, इसके अलावा कर्नाटक की चार, अरुणाचल की एक और मेघालय की एक सीट शामिल है
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं ऐसे में उच्च सदन में बहुमत का आंकड़ा 123 होता है बीजेपी के पास 85 का आंकड़ा है, वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन के सदस्यों की संख्या राज्यसभा में 102 गई है, कांग्रेस का आंकड़ा राज्यसभा में 40 हो गया और यूपीए का आकड़ा 65 पर पहुंच गया है,
राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के चलते 1989 से लेकर आज तक सभी केंद्र सरकारों को उच्च सदन में महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में छोटे-छोटे और अपने सहयोगी दलों को साधना पड़ा है या विपक्षी दलों के साथ मिलकर आम सहमति बनानी पड़ी है, हालांकि, इस स्थिति से बीजेपी की सरकार धीरे-धीरे उबर रही है, खासकर केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद उसकी ताकत में इजाफा हुआ है, लेकिन अभी भी बहुमत के लिए इंतजार करना पड़ेगा,
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