डेस्क न्यूज. राजस्थान की राजनीति पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई है, पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की तकरार सभी के सामने खुलकर आ गई है, सचिन पायलट अपने समर्थित विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर होटल में थे, इस दौरान आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी भी जारी है,
जब अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार हुई, उस बीच बीजेपी के कुछ दिग्गज नेता पार्टी का हित साधने के साथ पायलट को अपनी पार्टी में मिलाने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्हें क्या पता था, कि यह तो उनके लिए ही मुसीबत साबित होता सकता हैं ।
इस पूरे मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मात्र एक ट्वीट किया, उनकी इस प्रकार की चुप्पी ने पार्टी के आलाकमान नेताओं को चिंता में डाल दिया, इस बीच कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं ने कहा कि वसुंधरा राजे जैसी कद्दावर नेता को बीजेपी ने दरकिनार किया है उनको पार्टी में पूछा नहीं जा रहा ।
vasundhara राजे का राजस्थान की राजनीति में एक वर्चस्व रहा है, और माना जाता है कि वसुंधरा राजे की विधायकों में अच्छी पैठ है, अगर वसुंधरा राजे को पार्टी से दरकिनार किया जाता है तो उनके समर्थन में कई विधायक सामने आ सकते हैं, राजस्थान राजनीति के पूरे मामले पर वसुंधरा राजे की इस तरह से चुप्पी साधना कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान को एक संकेत है, पार्टी के नेता इसे किस तरह लेते हैं यह देखने वाली बात होगी ।
vasundhara राजे की चुप्पी के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के अध्यक्ष और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजे पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर गहलोत वसुंधरा गठजोड़ हैशटैग चलाया, इसके साथ कई गंभीर आरोपभी लगाए थे ।
Like and Follow us on :