पाकिस्तान के नापाक मंसूबे नाकाम: भारतीय खुफिया एजेंसियों ने गिरफ्तार किए 6 आतंकी, जानिए पाक की आतंक फैक्ट्री के बारे में सब कुछ

भारत को दहलाने के नापाक मंसूबे लाने वाले 6 आतंकियों को भारतीय खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये सभी आतंकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के आतंकी मॉड्यूल में शामिल थे। इनमें से दो आतंकी ओसामा और कमर ने भी पाकिस्तान के थट्टा ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग ली थी।
Photo | hinditonews.in
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डेस्क न्यूज़- भारत को दहलाने के नापाक मंसूबे लाने वाले 6 आतंकियों को भारतीय खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये सभी आतंकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के आतंकी मॉड्यूल में शामिल थे। इनमें से दो आतंकी ओसामा और कमर ने भी पाकिस्तान के थट्टा ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग ली थी। ये वही जगह है जहां पाकिस्तान ने आतंकियों को पैदा करने के लिए 'फैक्ट्री' लगा रखी है. मुंबई हमले में जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को भी यहीं ट्रेनिंग दी गई थी। आइए जानते हैं कसाब बनाने वाली इस पाकिस्तानी फैक्ट्री के बारे में सबकुछ।

48 एकड़ में फैला है आतंकियों का अड्डा

अजमल कसाब की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की ओर से कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में कहा गया कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थट्टा जिले में दो आतंकी ट्रेनिंग कैंप हैं। इनमें से एक करीब 48 एकड़ में फैला हुआ है। इन शिविरों से मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादियों के लिए हथियार और भारतीय तट के विस्तृत नक्शे और प्रशिक्षण नियमावली मिली। ये सभी महत्वपूर्ण सबूत थे कि थट्टा आतंकवादी प्रशिक्षण का गढ़ रहा है।

कराची शहर के पूर्व में स्थित हैं थट्टा

इस आतंकी ट्रेनिंग कैंप में पाकिस्तान के कमांडो फोर्स स्पेशल सर्विस ग्रुप और ISI की ओर से आतंकियों को आतंकी ट्रेनिंग दी जाती है। थट्टा पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची शहर के पूर्व में स्थित है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तानी नौसेना की एसएसजी यूनिट थट्टा के इस कैंप में लश्कर और जैश के आतंकियों को ट्रेनिंग भी देती है। थट्टा जिले में ही धाबेजी का गांव है, जहां कई साल पहले जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर ने जुलूस निकाला था। इसमें कई कुख्यात आतंकियों ने हिस्सा लिया।

कैसे दी जाती हैं ट्रेनिंग?

खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इस आतंकी पाकिस्तानी फैक्ट्री में आतंकी ट्रेनिंग के लिए आने वाले लोगों को 'कठिन जिंदगी' का अहसास कराने के लिए टेंट में रखा जाता है। इन प्रशिक्षण शिविरों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोई भी उन्हें देखकर पहचान न सके। यहां कई सुरक्षित घर भी बनाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल आईएसआई करती है। जिस आतंकी कारखाने में कसाब को प्रशिक्षण दिया गया था, वह एक खाली चीनी मिल थी। इसकी छत को देखकर लग रहा था कि यह मुंबई का सीएसटी स्टेशन है।

सिंधु नदी के सहारे बाहर निकलते है आतंकी

आईएसआई ने इन कैंपों की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर गार्ड भी तैनात किए हैं ताकि परिंदा भी पंख न मार सके। इस प्रशिक्षण शिविर से महज 500 मीटर की दूरी पर सिंधु नदी बहती है। इससे आतंकवादियों को पानी के भीतर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने और इससे बाहर निकलने के लिए प्रशिक्षित करना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं सिंधु नदी बाद में अरब सागर में गिरती है। इसी अरब सागर के रास्ते मुंबई हमलों के आतंकवादी आए थे।

आईएसआई ने कैसे किया हमले का प्लान?

गिरफ्तारी की ताजा घटना में आईएसआई अनीस इब्राहिम-डी कंपनी के सीधे संपर्क में थी। यहीं से अंडरवर्ल्ड और आतंकियों के काम बांटे जाते थे। अंडरवर्ल्ड का काम जांच एजेंसियों की नजरों से बचकर लक्ष्य तक हथियार और विस्फोटक पहुंचाना था। इसके साथ ही हवाला चैनलों के जरिए टेरर फंडिंग की जानी थी। वहीं, गिरफ्तार आतंकियों को टारगेट की तलाशी के बाद आईईडी रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। भारतीय खुफिया एजेंसी और दिल्ली पुलिस की जांच और पूछताछ में इस बात की पूरी जानकारी मिली है कि पाकिस्तान की सेना भारत और बांग्लादेश से किस तरह से भर्ती कर उन्हें आतंकी प्रशिक्षण दे रही है। इस जांच में आईएसआई द्वारा पाकिस्तान और अफगानिस्तान-पाक क्षेत्र में अपनाए गए नए रास्ते का भी खुलासा हुआ। इन आतंकवादियों को मेजर या लेफ्टिनेंट स्तर के अधिकारी गाजी द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। उसके दो सहायक भी थे, जब्बार और हमजा।

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