सेना करेगी हर साल 40-45 हजार अग्निवीर शामिल
वायु सेना में रिकॉर्ड ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के बाद अब थल सेना और नेवी के लिए भी आवेदन के पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। भारतीय सेना में अगले महीने से अग्निपथ योजना के तहत यूपी में बड़ी भर्ती रैलियां आयोजित की जायेगी। अगले कुछ महीनों में पूरे देश के इच्छुक युवाओं को अग्निवीर बनने का मौका मिलने वाला है।
आपको बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में जवानों की भर्तियां होंगी। जिनकी रैंक, मौजूदा रैंक से अलग होगी और ये 'अग्निवीर' कहे जायेगे । इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार अग्निवीर सेना में शामिल किेये जायेगे। योजना के खिलाफ सरकार ने कई राज्यों में विरोध-प्रर्दशन को देखते हुए 2022 में अग्निवीर भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा इस साल के लिए बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई है।
युवाओं में देश प्रेम की भावनाओं को लेकर अग्निवीर बनने का उत्साह देखा जा रहा है। लेकिन इस बीच सवाल ये भी उठते है कि-
चार साल की नौकरी के बाद अग्निवीर आखिर घर लेकर लौटेंगे क्या?
क्या इन चार वर्षों में जमा राशि से भविष्य के रास्ते तलाशे जा सकते हैं?
क्या चार साल की नौकरी के दौरान और उसके बाद एकमुश्त मिलने वाली राशि काफी है?
दरअसल, अग्निवीर को जो मानदेय दिया जाएगा वह नियमित सैन्य कर्मी से कम है, लेकिन देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए बात करें तो मानदेय ठीक-ठाक है. अग्निवीर की 4 साल की नौकरी में वेतन से लेकर रिटायरमेंट को जोड़े तो कुल 23 लाख 43 हजार 160 रुपये होते है।
अग्निवीर को मिलेंगे इतने फायदे
चार साल की नौकरी में अग्निवीर को पहले साल 30,000 रुपये महीने सैलरी मिलेगी । वहीं दूसरे साल में हर माह 33,000 रुपये, तीसरे साल में 36,500 रुपये और फिर चौथे साल 40,000 रुपये मासिक मानदेय होगा। इस मानदेय में से प्रत्येक महीने 30 फीसदी अमाउंट काटा जायेगा और उतनी ही राशि केन्द्र सरकार भी इसमें जोड़ेगी। जिसे रिटायरमेंट फंड के रूप में अग्निवीर को दिया जायेगा। मानदेय से पृथक रिस्क और हार्डशिप अलाउंस, राशन अलाउंस, ड्रेस और ट्रैवल अलाउंस दिया जाएगा।
4 साल की नौकरी के बाद ये है विकल्प
सरकार का कहना है कि ज्यादातर युवा 12वीं के बाद स्किल ट्रेनिंग लेते हैं या हायर एजुकेशन करते हैं और फिर जॉब ढूंढते है। हम युवाओं को एक साथ तीन मौका दे रहे हैं, उन्हें अच्छी सैलरी मिलेगी, चार साल में अच्छा बैंक बैलेंस हो जाएगा। साथ ही जॉब के दौरान उन्हें स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत उन्हें जो भी फॉर्मल ट्रेनिंग दी जाएगी, उसका क्रेडिट पॉइंट उन्हें मिलेगा. उससे वे चार साल बाद हायर एजुकेशन ले सकते है। वे चार साल सेना में रहकर ज्यादा आत्मविश्वास के साथ बाहर जाएंगे।
अग्निवीर कर सकेगा नौकरी के साथ पढ़ाई भी
इन अग्निवीरों में से ही अधिकतम 25 फीसदी को ही सेना में परमानेंट होने का मौका दिया जाएगा । इसका मतलब है कि 4 में से एक अग्निवीर को पक्की नौकरी दी जायेगी । सरकार का कहना है कि वो 4 साल आर्मी में रहकर लौटा हुआ युवा दूसरों के मुकाबले नौकरी पाने में ज्यादा सक्षम होगा । इसी के साथ 4 साल में अग्निवीरों के लिए ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स होगा । इस कोर्स की मान्यता देश-विदेश में होगी ।
दुर्भाग्यवश वीरगति होने पर प्रावधान
यदि दुर्भाग्यवश सेवा के दौरान कोई अग्निवीर वीरगति प्राप्त करता है तो उसके परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि प्रदान की जायेगी । इसके साथ ही अग्निवीर की सेवा का बचा हुआ मानदेय परिवार को मिलेगा । वहीं अगर कोई अग्निवीर सेवा के दौरान विकलांग हो जाता है तो सेना की तरफ से उसे 44 लाख की राशि देय की जाएगी और बाकी बचा हुआ मानदेय भी दिया जायेगा ।