Chinese currency used for payment: भारत का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक अल्ट्राटेक सीमेंट रूस से कोयले का आयात कर रहा है। इसके लिए सीमेंट कंपनी ने चीनी मुद्रा युआन में भुगतान किया है। रॉयटर्स ने भारतीय सीमा शुल्क विभाग के एक दस्तावेज की समीक्षा के बाद अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, अल्ट्राटेक कंपनी रूसी कोयला उत्पादक एसयूईके से 1,57,000 टन कोयले का आयात कर रही है। यह कोयला रूस के पूर्वी बंदरगाह वैनिनो से एमवी मंगास जहाज से भारत आ रहा है। मामले से वाकिफ दो सूत्रों का कहना है कि रूसी कंपनी एसयूईके की दुबई इकाई ने यह डील की है। अन्य कंपनियों ने भी युआन में भुगतान करके रूसी कोयले के ऑर्डर दिए थे।
युआन में पेमेंट के बढ़ते इस्तेमाल से रूस को फायदा मिल सकता है। यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभाव से बच सकता है। इसके साथ ही युआन को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में पेश करने की चीन की कोशिशों को भी बढ़ावा मिल सकता है।
कम हो रही है अमेरिकी डॉलर की वैश्विक दादागिरी
सिंगापुर के एक मुद्रा व्यापारी का कहना है कि यह कदम महत्वपूर्ण है। मैंने अपने 25 साल के करियर में कभी नहीं सुना कि कोई भारतीय कंपनी युआन का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिए कर रही है। यह वास्तव में अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को हानि पहुंचाने की एक चाल है। इस सौदे से कैसे भारत ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद तेल और कोयले जैसी वस्तुओं के लिए रूस के साथ व्यापार संबंध बनाए हैं।
रूस के साथ भारत के लंबे मैत्री और राजनीतिक संबंध हैं। भारत ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की आलोचना करने से दूरी भी बनाये रखी थी। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस बैंक ने अल्ट्राटेक को साख पत्र जारी किया और उसने एसयूईके के साथ कैसे लेन-देन किया।