मीडिया रिपोर्ट की माने तो नूपुर शर्मा को मारने के लिए भारत आया घुसपैठिए तहरीक-ए-लब्बैक संगठन से जुड़ा है, जो कि पाकिस्तान का एक कट्टरपंथी संगठन है । जिसने पाकिस्तान में इमरान सरकार को घेरा था । इस संगठन ने पूरी योजना बनाकर रिजवान असरफ को भारत भेजा था । अब आईबी, मिलिट्री इंटेलिजेंस, बीएसएफ और स्थानीय पुलिस श्रीगंगानगर में रिजवान असरफ के स्थानीय कनेक्शन की तलाश में जुट गई है । नूपुर शर्मा को मारने के लिए भारत आया घुसपैठिया कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक का सक्रिय कार्यकर्ता है, इस कट्टपंथी संगठन ने पाकिस्तान में इमरान सरकार को बेदखल कर दिया था। आरोपी को 23 जुलाई तक के लिए रिमांड पर लिया गया है।
तहरीक-ए-लब्बैक द्वारा नूपुर शर्मा को मारने की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। रिजवान को भारत भेजने से पहले संगठन के जिला मुख्यालय मंडी बहाउद्दीन में प्रशिक्षण देकर इसका ब्रेनवाश किया गया। तहरीक-ए-लब्बैक की मंडी में ही हुई बैठक में नूपुर की हत्या करने का फतवा भी जारी किया गया था । आरोपी रिजवान खुद को 8वीं पास बता रहा है। एजेंसियों के मुताबिक, वह बहुत चालाक दिमाग का है और उसने अपने संपर्कों के बारे में कोई जानकारी अभी तक नहीं दी है । रिजवान का बड़ा भाई इटली और छोटा भाई दुबई में रहता है। रिजवान का कहना है कि उसे नहीं पता कि नूपुर शर्मा का घर कहां है।
एडीजी एस सेंगथिर ने बताया कि रिजवान असरफ को भेजने से पहले कन्हैयालाल को मारने की साजिश में तहरीक-ए-लब्बैक का भी नाम सामने आया था । कन्हैयालाल की हत्या करने वाले रियाज और गौस मोहम्मद पाकिस्तान में दावते इस्लामी के दो आकाओं के संपर्क में थे और तहरीक-ए-लब्बैक से भी जुड़े थे । तहरीक-ए-लब्बैक ने तालिबानी तरीके से हत्या के वीडियो रियाज और गौस मोहम्मद को भेजे थे। तहरीक-ए-लब्बैक संगठन ने पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था । इस आंदोलन से प्रेरित होकर रिजवान संगठन से जुड़ा । वह इस संस्था का सक्रिय सदस्य हैं। नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद उसी संगठन ने रिजवान को भारत में घुसपैठ के लिए तैयार किया ।