गहराया World War का खतरा : ताइवान मसले पर चीन-अमेरिका आए आमने-सामने, अमेरिका ने उतारा विमानवाहक युद्धपोत

चीन-ताइवान के बीच पहले से तनातनी चल रही है। इसमें आग में घी का काम किया अमेरिकी स्‍पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे ने। इससे गुस्‍साए चीन ने ताइवान के चारों तरफ लाइव फायर ड्रिल शुरू कर दी और मिसाइलें दागीं तो अब अमेरिका सीधे तौर पर ताइवान के बचाव में उतर आया। अमेरिका ने ताइवान के पास विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन को उतार दिया है।
गहराया World War का खतरा : ताइवान मसले पर चीन-अमेरिका आए आमने-सामने, अमेरिका ने उतारा विमानवाहक युद्धपोत
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चीन-ताइवान के बीच युद्ध का खतरा अब बढ़ता ही जा रहा है। इससे विश्व युद्ध की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। हाल ही अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने चीन को आग बबूला कर दिया। इसके बाद से तो जैसे चीन पूरी तरह तिलमिला गया है। नैन्सी के जाते ही चीन ने ताइवान के चारों तरफ लाइव फायर ड्रिल शुरू कर दी। 4 अगस्त को चीन ने ताइवान के पास 11 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 5 मिसाइलें जापान में लैंडिंग हुई। इससे जापान भी भ्रड़का हुआ है। इधर, चीन को काबू में रखने के लिए अमेरिका ने विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन (USS Ronald Reagan) को उतार दिया है। इस परमाणु एयरक्राफ्ट करियर को ताइवान के पास तैनात कर दिया है। ऐसे में अब चीन-ताइवान के बीच युद्ध का खतरा और बढ़ गया है। यदि यह युद्ध हुआ तो यह विश्वय़ुद्ध का कारण बनेगा, क्योंकि इसमें अमेरिका सीधे रूप में शामिल हो सकता है।

यूएसएस रोनाल्ड रीगन की खासियत

अमेरिकी नौसेना का यूएसएस रोनाल्ड रीगन (USS Ronald Reagan) दुनिया के दूसरे सबसे बड़े विमानवाहक पोत की श्रेणी में आता है। इस बैटलशिप में युद्ध से संबंधित सभी खासियत मौजूद है। परमाणु ईंधन से संचालित होने वाला रोनाल्ड रीगन सबसे नए करियर्स में से एक है। इसकी डिस्प्लेसमेंट 1.01 लाख टन से ज्यादा और लंबाई 1092 फीट है। इसमें चार स्टीम टरबाइन हैं। यह 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पानी में चलता है एसएस रोनाल्ड रीगन पर तीन तरह के घातक हथियार तैनात हैं। ये तीनों हथियार हमला करके दुश्मन के टारगेट को खत्म कर सकते हैं. साथ ही दुश्मन के विमानों, ड्रोन्स, रॉकेट्स और मिसाइलों से जहाज को बचा सकते हैं। इस पर 2480 सैनिक तैनात हो सकते हैं।

चीन ने शुरू की फायर ड्रिल, मिसाइलें दागीं

अमेरिकी स्‍पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे से गुस्‍साए चीन ने 4 अगस्‍त से ताइवान के चारों तरफ लाइव फायर ड्रिल शुरू की है, जो 7 अगस्‍त तक चलेगी। इतना ही नहीं चीन ने ताइवान को डराने के मकसद से ताइवान के जल क्षेत्र में बैलेस्टिक मिसाइल भी दागी हैं। अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़के चीन ने ताइवान के आस-पास के इलाकों में गुरुवार (4 अगस्त) से अपना सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। इसके साथ ही चीन ने ताइवान के समुद्री इलाके को निशाना बनाते हुए 11 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से 5 जापान के इलाके में गिरी है। जिसका जापान के रक्षामंत्री ने विरोध दर्ज कराया है। उधर, चीन द्वारा की जा रही इस लाइव फायर ड्रिल को यूरोपीय देशों ने गलत बताया है। इससे चीन और बौखला गया है। चीन ने यूरोपीय देशों के ताइवान को लेकर दिए संयुक्‍त बयान के बाद इन देशों के राजदूतों को तलब कर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

68 चीनी विमान और 13 युद्धपोतों ने मध्य रेखा को पार किया : ताइवान

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि 68 चीनी विमानों, 13 युद्धपोतों ने मध्य रेखा को पार किया है। समाचार एजेंसी एएफपी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दरअसल, इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के जवाब में चीन ‘अभूतपूर्व पैमाने’ पर सैन्य अभ्यास कर रहा है. पेलोसी पिछले 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिका की सबसे शीर्ष अधिकारी हैं। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और विदेशी सरकारों के साथ उसके संबंधों का विरोध करता है।

नैंसी पेलोसी पर चीन ने लगाया बैन

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से गुस्‍साए चीन ने उन पर बैन लगा दिया है। ये बैन केवल उन तक ही सीमित नहीं है बल्कि उनके परिवार के सभी सदस्‍य भी इसमें शामिल किए गए हैं। ताइवान दौरे के बाद चीन की तरफ से अमेरिका के खिलाफ उठाया गया ये सबसे बड़ा कदम है। चीन के मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स ने विदेश मंत्री ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि नैंसी पेलोसी और उनके साथियों ने ताइवान का दौरा कर चीन को न तो गंभीरता से लिया न ही उसका सम्‍मान किया।

अमेरिका पर चीन के एक्शन

नैंसी पेलोसी और उनके परिवार पर बैन के साथ-साथ चीन ने अमेरिका से भी कई संबंध खत्म करने की बात कही है। चीन ने जलवायु परिवर्तन, सैन्य संबंध के साथ-साथ एंटी-ड्रग्स अभियानों पर यूएस से संबंध या तो खत्म कर लिए हैं या फिर उनको निलंबित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक ये उठाए कदम-

  • - चीन-यूएस थियेटर कमांडर बातचीत रद्द की गई।

  • - चीन-यूएस नौसेना परामर्शी समझौता रद्द किया गया।

  • - यूएस-चीन डिफेंस पॉलिसी कॉर्गिनेशन बातचीत रद्द हुई।

  • - अवैध अप्रवासियों का प्रत्यावर्तन करने पर होने वाली बातचीत सस्पेंड।

  • - क्रिमिनल मेटर्स पर होने वाली मीटिंग सस्पेंड।

  • - अंतरराष्ट्रीय क्राइम पर होने वाली बैठक सस्पेंड।

  • - मादक द्रव्य रोधी अभियान सस्पेंड।

इधर, हवाई सीमा का उल्लंघन पर भारत ने चेताया

भारत और चीन के बीच गत मंगलवार को पूर्वी लद्दाख स्थित चुशूल मोल्डो में सैन्य स्तरीय विशेष वार्ता हुई। इसमें भारत ने बीते 45 दिनों में चीन की वायु सेना द्वारा किए गए हवाई सीमा के उल्लंघन पर सख्त ऐतराज जताया। भारतीय वायुसेना ने चीन के लड़ाकू विमानों को इलाके से खदेड़ दिया था। भारत ने इसे भड़काने वाले हरकत बताते हुए चीनी सैन्य अधिकारियों के समक्ष सख्त आपत्ति प्रकट की। सरकारी सूत्रों ने विशेष सैन्य वार्ता के बारे में शुक्रवार को मीडिया को जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने चीन से कहा कि वह वायु क्षेत्र के उल्लंघन जैसी उकसाने वाली गतिविधियों से परहेज करे।

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