अलवर जिले के सरिस्का टाइगर रिजर्व में पहाड़ों पर लगी आग ने विकराल रूप ले लिया है। सरिस्का में आग का यह तांडव 36 घंटे बाद भी जारी है। आग की वजह से इस इलाके में घूम रहे बाघों पर संकट मंडरा रहा है। सरिस्का प्रशासन ने इससे उबरने के लिए अब सेना से मदद मांगी है। बाघिन एसटी-17 और उसके 2 शावक भी इसी इलाके में घूमते रहे हैं।
इसके अलावा दो अन्य बाघ भी इस इलाके में घूम रहे हैं। आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर बुलाए गए हैं। मंगलवार को सुबह नौ बजे सेना के दो हेलीकॉप्टर अलवर पहुंचेंगे और सिलीसेढ़ झील से पानी एयरलिफ्ट कर आग बुझाएंगे। आग का पृथ्वीपुरा, बलेटा, भाटियाला गांव, नया गांव और प्रतापपुरा में फैलने का खतरा बढ़ गया है।
जिला प्रशासन ने आग प्रभावित क्षेत्र और सिलीसेढ़ लेक का जीपीएस सेना को उपलब्ध करा दिया गया है। आग से प्रभावित 4 गांवों में पुलिस की ओर से अनाउंसमेंट कर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। बाघिन एसटी-17 और उसके 2 शावक भी इसी इलाके में घूम रहे हैं जिसकी वजह से सरिस्का प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है। पुलिस ने गांवों में अनाउंसमेंट कर ग्रामीणों को जंगली जानवरों और आग से सतर्क रहने के आदेश दे दिये है।
आग लगने की शुरूआत रविवार से हुई। रविवार दोपहर को देखते-देखते आग कई किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गई। इसके बाद फायर बिग्रेड मौके पर पहुंची। सरिस्का प्रशासन ने ग्रामीणों और दमकल की मदद से करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन इसके बाद सोमवार की शाम पहाड़ों की चोटी पर लगी आग ने विकराल रूप ले लिया।
आग ने कई किलोमीटर पहाड़ों को अपनी गोद में ले लिया। आग के कारण वन्य जीव गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं। पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि वे परिवार सहित सुरक्षित घरों में रहे और आग से बचाव के भी इंतजामात किए।
सरिस्का के वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक आरएन मीणा ने बताया कि सरिस्का के अकबरपुर रेंज के पृथ्वीपुरा बलेटा के नाके के आसपास सूखी घास और पौधों में अज्ञात कारणों से आग लगी लग गई जिसके बाद में यह कई किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गयी इसलिए आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
इस क्षेत्र में आग से वन्यजीवों के आवास भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बाघिन एसटी-17 और उसके हाल ही में पैदा हुए दो शावकों का भी इस क्षेत्र में विचरण किया जा रहा है।
इसके अलावा आग के धुएं से मधुमक्खियां अपने छत्ते से इधर-उधर उड़ रही हैं। जिसकी वजह से मधुमक्खियां राहत और बचाव में लगे वनकर्मियों और ग्रामीणों पर हमले कर रही हैं। इससे आग बुझाना मुश्किल हो रहा है। जिला प्रशासन व उच्चाधिकारियों से सहयोग मांगा गया है। सेना से हेलीकॉप्टर की मदद मांगी गई थी। मंगलवार को हेलीकॉप्टर मिलने के बाद आग पर जल्द ही काबू पाया जा सकता है।