डेस्क न्यूज – भारत-चीन के बीच जारी विवाद के बीच भारत को अमेरिका का साथ मिला है, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों में और गलवान घाटी में india के खिलाफ चीन की आक्रामकता और इसके बढ़ते क्षेत्रीय मुखरता का विरोध करते हुए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (National Defense Authorization Act (NDAA) में एक संशोधन पारित किया है।
पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में हुई india और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प और दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका चीन पर हमलावर है। इसमें चीन के रूख पर चिंता जताई गई है और आरोप लगाया गया है कि चीन कोरोना वायरस महामारी के बहाने से india के क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता है।
5 मई से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LOC) पर कई क्षेत्रों में india और चीन की सेनाएं में झड़पे हुई है, पिछले महीने गलावन घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनो देशों के बीच हालात बिगड़ गए थे, जिसमें 20 भारतीय सेना के जवान मारे गए थे।
प्रस्ताव को भारतीय-अमेरिकी सासंद राजा कृष्णमूर्ति द्वारा आठ अन्य लोगों के साथ पेश किया गया था,जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा के पर भारत के प्रति चीनी आक्रामकता की निंदा की गई।
कृष्णमूर्ति ने एक बयान में कहा कि आज के विधेयक के पारित होने के माध्यम से, सदन ने एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार को वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त करना होगा।
उन्होंने कहा, "भारत के चीन के सैन्य उकसावे अस्वीकार्य हैं, और उनके सीमा गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान से भारत-प्रशांत क्षेत्र में अधिक सुरक्षा बहाल करने में मदद मिलेगी।"
कृष्णमूर्ति ने कहा कि इस वोटिंग के माध्यम से, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने अपने सहयोगियों और भारत जैसे चीनी सैन्य आक्रमण के साथ खड़े होने के लिए अमेरिका की तत्परता की पुष्टि की है। प्रस्ताव के अन्य सह-प्रायोजक भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी आरओ खन्ना और कानून निर्माता फ्रैंक पालोन, टॉम सूजी, टेड योहो, जॉर्ज होल्डिंग, शीला जैक्सन-ली, हेली स्टीवंस और स्टीव चैबोट हैं।
प्रस्ताव में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर, LAC और सेंकाकू टापू विवादित क्षेत्रों के आसपास चीन का विस्तारवाद और आक्रामकता चिंता का विषय है, संसद में स्टीव ने बयान दिया है कि भारत इंडो-पैसिफिक में एक अहम लोकतांत्रिक पार्टनर है। उन्होंने कहा, 'मैं भारत का समर्थन करता हूं और अपने द्विपक्षीय संबंध का समर्थन करता हूं। साथ ही उन क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ भी खड़ा हूं जो चीन की आक्रामकता का सामना कर रहे हैं।
सोमवार को ही अमेरिका और भारत की नौसेनाओं ने हिंद महासागर में संयुक्त युद्धाभ्यास किया। इससे न सिर्फ चीन को भारत-अमेरिकी सहयोग को लेकर संदेश दिया गया बल्कि अमेरिका के रक्षमंत्री मार्क एस्पर ने सीधे तौर पर चीन पर निशाना भी साधा है। उन्होंने भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों को '21वीं सदी के सबसे अहम संबंधों में से एक' बताया, और चीनी सेना को क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने का जिम्मेदार बताया है।
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