न्यूज़- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा है कि वह हांगकांग को मिले कई विशेषाधिकार को छीनने वाले हैं। इसके अलावा अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में चीन के छात्रों को प्रतिबंधित किया जाएगा। ट्रंप ने बीजिंग की तरफ से हांगकांग पर नियंत्रण के चलते यह फैसला किया है। वहीं अमेरिका और ब्रिटेन की तरफ से यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में हांगकांग के लिए लाए गए नए विवादित सुरक्षा कानून पर भी चिंता जताई है। चीन ने इस पर नाराज होते हुए कहा कि इस मुद्दे का इस अंतरराष्ट्रीय संस्था से कोई लेना-देना नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी के स्पेशल ट्रीटमेंट को लेकर चीन पर हमला करते हुए कहा, 'यह शहर की पुरानी और गौरवशाली स्थिति की स्थिति को कमजोर कर रहा है। यह हांगकांग के लोगों, चीन के लोगों और वास्तव में दुनिया के लोगों के लिए एक त्रासदी है। जहां ट्रंप अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में बैन करने की बात कर रहे हैं तो वहीं विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने साफ कर दिया है कि अमेरिका यह मानता है कि हांगकांग अब चीन से स्वायत्त नहीं है और ऐसे में अमेरिकी कानून के तहत वह विशेष व्यवहार का अधिकारी नहीं है। उन्होंने इस बात की जानकारी यूएस कांग्रेस को दे दी है। चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की तरफ से हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा बिल को मंजूरी मिल गई है।
गुरुवार को इस बिल के पक्ष में 2,878 वोट पड़े जबकि सिर्फ एक वोट ही इसके विरोध में पड़ा। इस नए बिल पर आलोचकों का मानना है कि यह हांगकांग की आजादी को कमजोर करेगा। चीन का कहना है कि यह नया बिल हांगकांग शहर में अपगमन, विध्वंस और आतंकवाद के अलावा विदेशी हस्तक्षेप को नियंत्रित करेगा। लेकिन पिछले हफ्ते जैसे ही यह बिल सदन में आया हांगकांग में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस नए बिल के बाद शहर के छोटे संविधान जिसे बेसिक लॉ में बदलाव किया जाएगा ताकि हांगकांग की सरकार चीनी नेताओं के फैसले को लागू कर सके। इस बिल के बाद चीन के रिश्ते अमेरिका और ब्रिटेन से बिगड़ने की तरफ बढ़ चुके हैं।