न्यूज – चीन से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से पिछले कई दिनों से नाराज चल रहे है। इस बीच ट्रंप ने अब डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर डॉ. टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस को लेटर लिखकर अगले 30 दिनों में ठोस कदम उठाने को कहा है। साथ ही उन्होंने डब्ल्यूएचओ को चीन के हाथ की 'कठपुतली' बताया है।
इसके अलावा ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ चीन के हाथ की 'कठपुतली' बताते हुए दावा किया कि वे (डब्ल्यूएचओ) चीन के हाथ की कठपुतली हैं। सही ढंग से कहा जाए तो वे चीन केंद्रित हैं। लेकिन वे हैं चीन के हाथ की कठपुतली ही। उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत खराब काम किया है। अमेरिका उन्हें हर साल 45 करोड़ डॉलर देता है। चीन उनको साल में 3.8 करोड़ डॉलर का भुगतान करता है।'
अमेरिकी राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर को लिखी इस चिट्ठी में कहा कि अगर अगले 30 दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन, अपनी नीति और संगठन में बड़ा बदलाव नहीं करता है तो अमेरिका अपनी फंडिंग को हमेशा के लिए बंद कर देगा।
इस चिट्ठी में उन्होंने डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया है कि दिसंबर, 2019 में वुहान से कोरोना वायरस को लेकर जो भी रिपोर्ट्स आईं उनको नजरअंदाज किया गया। ट्रंप ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन जनवरी अंत में चीन से यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ था। उन्होंने कहा,'डब्ल्यूएचओ इसके खिलाफ था। वे मेरे प्रतिबंध लगाने के खिलाफ थे।
उन्होंने कहा था कि आपको इसकी जरूरत नहीं है, ये बहुत ज्यादा है और बेहद सख्त है लेकिन वे गलत साबित हुए।' बता दें कि ट्रंप ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने में डब्ल्यूएचओ की भूमिका की समीक्षा होने तक अमेरिका की ओर से किए जाने वाले भुगतान पर अस्थाई रूप से रोक है।