न्यूज़- भारत-चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। चीन लद्दाख में अतिक्रमण की लंबे वक्त से कोशिश कर रहा है। भारत-चीन के बीच उपजे तनाव के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने चीन के बड़े बैंक को भारत में बैंकिंग सर्विस शुरू करने की अनुमति दे दी है। गुरुवार को RBI ने बैंक ऑफ चाइना को भारत में रेगुलर बैंकिंग सर्विस शुरू करने की अनुमति दे दी। आरबीआई ने गुरुवार को बैंक ऑफ चाइना( Bank of China) को देश में नियमित बैंकिंग सेवायें देने की अनुमति दे दी है। केंद्रीय बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक कानून, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल कर लिया गया है। चीन की इस 160 साल पुराने बड़े बैंक को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनुमति मिल है, जिसके बाद अब यह बैंक देश में अपनी शाखाएं शुरू करेगी।
चीन के बड़े बैंकों में से एक बैंक ऑफ चाइना अब भारत में भी अपनी सर्विस शुरू करेगी। आरबीआई की हरी झंडी के बाद अब भारत में बैंक ऑफ चाइना के ब्रांच खोले जाएंगे। RBI ने इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक्ट 1934 के तहत शिड्यूल किया है। आपको बता दें कि RBI ने एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत सभी वाणिज्यिक बैंकों को अपनी दूसरी अनुसूची में शामिल हैं। इस अनुसूची में आने वाले बैंकों को आरबीआई के नियमों का अनुपालन करना होता है। RBI के लाइसेंस के बाद जल्द दी देश में चीन के इस बड़े बैंक की शाखाएं शुरू हो जाएगी।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने चाइना के बैंक बैंक ऑफ़ चाइना को भारत में काम करने का लाइसेंस दे दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले महीने हुई बातचीत के बाद दी गई है। पीएम मोदी ने चीना राष्ट्रपति को आश्वासन दिया था कि वो बैंक ऑफ चाइना को भारत में ब्रांच खोलने की अनुमति देंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया ती खबर के मुताबिक RBI ने बैंक ऑफ चाइना को अपना पहला ब्रांच खोलने के लिए लाइसेंस दिया है।
बैंक ऑफ चाइना 106 साल पुराना है। यह बैंक चीन के बड़े सरकारी बैंकों में से है । अगर भारतीय पूंजीकरण के लिहाज से देखे तो यह दुनिया के बड़े बैंकों में शामिल है। बैंक ऑफ़ चाइना चीन के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, आयरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, जापान समेत कुल 27 देशों में काम करता है।