न्यूज – संकट से जूझ रहे येस बैंक (Yes Bank) को पटरी पर लाने के लिए लागू हुए नए प्लान के बाद अब येस बैंक खाताधारकों के लिए एक राहत की खबर है, बैंक ने आज यानी सोमवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी है कि खाताधारकों के ऊपर से बैंक ने सारे प्रतिबंध हटा लिए हैं।
बता दें कि 5 मार्च 2020 को शाम 6 बजे से आरबीआई द्वारा येस बैंक डिपॉजिटर्स के विड्रॉल लिमिट 50,000 रुपये तय कर दी थी, इसके बाद से ही येस बैंक का कोई भी ग्राहक किसी भी माध्यम से न तो पैसे ट्रांसफर कर पा रहा था और न ही एटीएम से कैश निकाल पा रहा था।येस बैंक को पटरी पर लाने के लिए प्राइवेट बैंक भी देंगे पैसा- वित्ती मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि येस बैंक में भारतीय स्टेट बैंक 49 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदेगी,
SBI 3 साल तक अपनी स्टेक को 26 फीसदी से कम नहीं कर सकेगी, इसके अलावा प्राइवेट बैंक भी इसमें निवेश करेंगे, प्राइवेट बैंकों के लिए भी लॉक इन पीरियड 3 साल तक का ही होगा, लेकिन उनके लिए स्टेक की लिमिट 75 फीसदी तक है।
येस बैंक को 18,564 करोड़ रुपये का घाटासंकटग्रस्त येस बैंक ने दिसंबर, 2019 में समाप्त हुई तिमाही में उसे 18,564 करोड़ रुपये का घाटा होने की शनिवार को जानकारी दी, निजी क्षेत्र के इस बैंक का संचालन फिलहाल भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश पर प्रशांत कुमार कर रहे हैं।
बैंक ने पिछले साल इसी अवधि में 1,000 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था और सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में 629 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. येस बैंक की गैर-निस्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) दिसंबर तिमाही में 18.87 प्रतिशत हो गयी हैं जो पिछली तिमाही (सितंबर) में 7.39 प्रतिशत थीं, साथ ही बैंक के पास अनिवार्य रूप से रखी जाने वाली नकदी में भी गिरावट आयी है।