डेस्क न्यूज़- आज से 2 और IPO मार्केट में आ गए हैं। विशेष रसायन निर्माता एमी ऑर्गेनिक्स और हेल्थकेयर चेन विजया डायग्नोस्टिक सेंटर का आईपीओ खुल गया है। निवेशक 3 सितंबर तक आईपीओ के लिए बोली लगा सकेंगे। एमी ऑर्गेनिक्स ने इश्यू प्राइस बैंड 603-610 रुपये प्रति शेयर तय किया है। कंपनी की योजना 570 करोड़ रुपये जुटाने की है। विजया डायग्नोस्टिक सेंटर का इश्यू प्राइस बैंड 522-531 रुपये प्रति शेयर है। कंपनी 1,895 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है।
कंपनी ने इश्यू में 200 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए हैं। इसके अलावा, प्रमोटर और मौजूदा शेयरधारक ऑफ-फॉर-सेल (ओएफएस) के माध्यम से 60.6 लाख शेयर बेचेंगे। आईपीओ के जरिए 570 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। एमी ऑर्गेनिक्स के आईपीओ के लिए शेयर की कीमत 603-610 रुपये तय की गई है। वहीं, एक लॉट 24 शेयरों का होगा। आईपीओ में निवेश करने के लिए 1 लॉट खरीदना जरूरी है। अपर प्राइस बैंड के मुताबिक इस इश्यू में कम से कम 14,640 रुपये का निवेश करना होगा।
कंपनी स्पेशलिटी केमिकल्स के रिसर्च और डेवलपमेंट के साथ-साथ इससे जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग भी करती है। कंपनी यूरोप, चीन, जापान, इज़राइल, यूएसए, यूके जैसे बाजारों में बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनियों को फार्मा इंटरमीडिएट का निर्यात भी करती है। पिछले वित्त वर्ष में एमी ऑर्गेनिक्स का राजस्व बढ़कर 340.61 करोड़ रुपये हो गया था। शुद्ध लाभ 27.47 करोड़ रुपये से बढ़कर 53.99 करोड़ रुपये हो गया।
विजया डायग्नोस्टिक सेंटर ने 28 शेयरों का लॉट साइज तय किया है। 531 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर लॉट के लिए न्यूनतम 14,868 रुपये का निवेश करना होगा।
आईपीओ का 50 फीसदी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) और 35 फीसदी रिटेल इनवेस्टर्स के लिए आरक्षित है। शेष 15% गैर-संस्थागत खरीदारों के लिए आरक्षित है। यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) होगा। जिसमें मौजूदा प्रमोटर और निवेशक अपने शेयर बेचेंगे।
केदारा कैपिटल द्वारा वित्त पोषित विजया डायग्नोस्टिक्स अपने बड़े नेटवर्क के माध्यम से पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी परीक्षण सेवाएं प्रदान करता है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कोलकाता और एनसीआर में इसके 80 नैदानिक केंद्र और 11 संदर्भ प्रयोगशालाएं हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का मुनाफा बढ़कर 84.91 करोड़ रुपये हो गया। इसकी कुल आय बढ़कर 388.59 करोड़ रुपये हो गई थी। जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में लाभ 62.5 करोड़ रुपये था।