नॉर्वे में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों पर जोर दिया जा रहा है। अपने प्रयासों के तहत, फर्टिलाइजर कंपनी Yara समुद्र में दुनिया का पहला पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और सेल्फ-स्टीयरिंग कंटेनर जहाज लॉन्च करने जा रही है। इस जहाज को नॉर्वे के दक्षिणी तट पर उतारा जाएगा। कार्बन उत्सर्जन कम करने की इस देश की योजना में यह एक बड़ी पहल है। इस जहाज का नाम Yara Birkeland रखा गया है।
न्यूज एजेंसी Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, Yara Birkeland इलेक्ट्रिक शिप की मदद से हर साल करीब 1,000 टन कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। अगले दो साल में यह जहाज पूरी तरह से स्वायत्त हो जाएगा। आपको बता दें कि इस जहाज के संचालन से दक्षिणी नॉर्वे में कंपनी के प्लांट और ब्रेविक में इसके एक्सपोर्ट पोर्ट के बीच करीब 14 किलोमीटर की दूरी को पाट दिया जाएगा। अब तक सड़क मार्ग से वाहनों का उपयोग दोनों स्थानों के बीच खाद परिवहन के लिए किया जाता था। इससे कंपनी की लागत भी कम होगी, जिससे किसानों को सस्ता उर्वरक मिलेगा। इससे प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।
इस जहाज को वार्ड नॉर्वे ने बनाया है। Yara Birkeland इलेक्ट्रिक शिप की मदद से Porsegrun कंपनी अपने प्लांट में Carb Dioxide का उत्सर्जन कर सकेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंपनी नॉर्वे में भारी मात्रा में CO2 का उत्पादन करती है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्वेन टोर होल्थर ने कहा, "हमने यह दिखाने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी कदम उठाया है कि यह संभव है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में इस तरह से इलेक्ट्रिक जहाज चलाकर प्रदूषण को घटाया जा सकता है।
जहाज स्वचालित तकनीक के साथ कार्गो को लोड और ऑफलोड करेगा, बैटरी को रिचार्ज करेगा और नेविगेट करेगा। इस जहाज में बेहतरीन सेंसर लगाए गए हैं जो समुद्र में अन्य जहाजों और चट्टानों की पहचान कर सकते हैं। कंपनी के प्लान के मुताबिक यह जहाज एक हफ्ते में दो चक्कर लगाएगा। इसमें एक बार में 20 फीट उर्वरक के 120 कंटेनर ले जाने की क्षमता है।
कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इसकी बैटरी स्विस कंपनी लेक्लेंच ने बनाई है। इसमें आठ बैटरी रूम हैं। ये बैटरियां 7 मेगावॉट की पावर जेनरेट करती हैं, रिपोर्ट के मुताबिक इस जहाज में इस्तेमाल होने वाली बैटरी की क्षमता करीब 100 टेस्ला कारों के बराबर है। दुनिया में जिस तरह से इलेक्ट्रिक सेगमेंट बढ़ रहा है, उससे उम्मीद की जा रही है कि जब बैटरी से चलने वाले जहाजों की कीमत कम होगी तो वह बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल करना शुरू कर देगा।