डेस्क न्यूज़- रेल मंत्रालय की कंपनी IRCTC की आय में कमी नहीं होने वाली हैं। रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी के सुविधा शुल्क को लेकर कल के अपने फैसले को वापस ले लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सचिव दीपम ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है। हालांकि रेलवे के इस फैसले से ग्राहकों को सस्ते टिकट नहीं मिलेंगे।
इससे पहले गुरुवार को रेलवे ने अपनी ऑनलाइन टिकट बुकिंग शाखा आईआरसीटीसी को अपनी वेबसाइट पर बुकिंग के समय वसूले जाने वाले सुविधा शुल्क से अर्जित राजस्व का 50 प्रतिशत रेलवे के साथ साझा करने को कहा था। 2014 से पहले, रेलवे और आईआरसीटीसी के बीच सेवा शुल्क साझा नहीं किया जाता था। लेकिन 2014 में इसे शेयर करने का फैसला किया गया था। तब 80 फीसदी रकम आईआरसीटीसी और 20 फीसदी रेलवे को मिलती थी। 2015 में इसे बढ़ाकर 50-50 फीसदी कर दिया गया था। लेकिन नवंबर 2016 में इस चार्ज को 3 साल के लिए वापस ले लिया गया। आईआरसीटीसी ने 1 सितंबर 2019 से सुविधा शुल्क बहाल कर दिया था।
साल 2016 में जब आईआरसीटीसी की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास थी, तब रेल मंत्रालय सुविधा शुल्क का आधा हिस्सा उसके पास जाता था। बाद में इस फैसले को उलट दिया गया और आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क का 100 फीसदी अपने पास रखता था। इसके बाद इस कंपनी का आईपीओ आया, जिसे निवेशकों ने ले लिया। कल रेलवे बोर्ड के फैसले के बाद आज आईआरसीटीसी के शेयर में 20 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, दीपम सचिव के ट्वीट के बाद मामला शांत हुआ।
अगर आप आईआरसीटीसी पर ट्रेन का टिकट बुक करते हैं तो आपको किराए के अलावा सुविधा शुल्क के रूप में कुछ राशि का भुगतान करना होता है। यह राशि 50 रुपये तक जाती है। यह रकम देखने में मामूली लगती है, लेकिन आईआरसीटीसी की साइट पर रोजाना लाखों टिकट कट जाते हैं। इससे IRCTC को करोड़ों रुपये की कमाई होती है। टिकट कैंसिल होने पर भी यह रकम रिफंडेबल नहीं होती है। आईआरसीटीसी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020-21 के दौरान कंपनी ने सुविधा शुल्क से 299.13 करोड़ रुपये की कमाई की थी। इससे पहले 2019-20 में कंपनी ने इससे 349.64 करोड़ रुपये की कमाई की थी।